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शास्त्रीय नृत्य में बच्चों की रूचि पैदा कर रहा है घुंघरू

नयी पीढ़ी को शास्त्रीय नृत्य कथक में रुचि पैदा कर, जिस तरह उन्हें भारतीय संस्कृति से जोड़ने का काम घुंघरू ने किया है, वह अछ्वूत है। हमारी समृद्ध संस्कृति इन कलाकारों के माध्यम से दुनिया भर में प्रकाशित होगी। हरियणा खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की अध्यक्ष गार्गी कक्कड़ ने ये बातें गुरुग्राम के सेक्टर सात स्थित आर्य विद्या मंदिर ऑडिटोरियम में आयोजित कथक महोत्सव में मुख्य अतिथि के तौर अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में करीब 600 कलाकारों ने दो सत्रों में कथक की प्रस्तुतियों से दर्शकों को दिल जीत लिया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 04:05 PM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 04:05 PM (IST)
शास्त्रीय नृत्य में बच्चों की रूचि पैदा कर रहा है घुंघरू
शास्त्रीय नृत्य में बच्चों की रूचि पैदा कर रहा है घुंघरू

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : हरियाणा खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की चेयरपर्सन गार्गी कक्कड़ ने कहा कि नई पीढ़ी को शास्त्रीय नृत्य कथक में रुचि पैदा कर, जिस तरह उन्हें भारतीय संस्कृति से जोड़ने का काम घुंघरू ने किया है, वह अद्भुत है। हमारी समृद्ध संस्कृति इन कलाकारों के माध्यम से दुनिया भर में प्रकाशित होगी।

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उन्होंने ये बातें सेक्टर-7 स्थित आर्य विद्या मंदिर ऑडिटोरियम में आयोजित कथक महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में करीब 600 कलाकारों ने दो सत्रों में कथक की प्रस्तुतियों से दर्शकों को दिल जीत लिया। संस्थान की अध्यक्ष कोरियोग्राफर नृत्यांगना विजया फ्लोरा के नेतृत्व में कथक के साथ लोक नृत्यों व फिल्मों के गीतों पर आधारित नृत्यों का खूबसूरत संयोजन कराया था, जिसे दर्शक ने बहुत सराहा। हरियाणा कला परिषद के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम के दूसरे सत्र के अतिथियों में सीनियर डिप्टी मेयर प्रमिला कबलाना, लेखक डॉ. सुरेश वशिष्ठ, श्याम परिवार के अध्यक्ष मुकेश शर्मा और पहले सत्र के अतिथियों में पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर यशपाल बत्रा, पार्षद सीमा पाहूजा, पार्षद मधु बत्रा, आर्य केंद्रीय सभा के महासचिव नरेंद्र तनेजा और हरियाणा कला परिषद के गुरुग्राम के क्षेत्रीय निदेशक महेश जोशी शामिल थे। प्रथम सत्र में गणेश वंदना, माखनचोरी, तराना, तीन ताल, कथक अंतराक्षरी, लाइव कथक राजस्थानी केसरिया बालम, आज बिरज में होरी. जा मैं तोसे ना बोलूं की प्रस्तुति हुई। संध्या सत्र में कई प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में महिला सशक्तीकरण नृत्य नाटिका और प्लास्टिक टिक न पाए रे नृत्य में सामाजिक सरोकारों का न केवल संदेश बल्कि दर्शकों को स्वच्छ भारत का संदेश लिख कपड़े के थैले बांटे।


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