अपने कड़वे प्रवचनों में अमर रहेंगे जैन मुनि तरुण सागर
'जिसके पैरों में जूता नहीं, सिर पर छाता नहीं, बैंक में खाता नहीं, परिवार से नाता नहीं उसे कहते हैं दिगंबर मुनि। जिसके तन पर कपड़े नहीं, जिसके मन में लफड़े नहीं, जिसके वचन में झगड़े नहीं, जीवन में र्कोइ रगड़े नहीं, उसे कहते हैं दिगंबर मुनि। जिसका र्कोइ घर नहीं, किसी बात का डर नहीं, दुनिया का असर नहीं और जिससे बड़ा र्कोइ सुपर नहीं, उसे कहते हैं दिगबंर मुनि।' इस कविता के जरिए दिगंबर मुनी की परिभाषा बताने वाले 51 वर्षीय जैन मुनी तरुण सागर ने शनिवार सुबह आखिरी सांस ली। समाज और राष्ट्र जीवन के अहम मुद्दों पर तीखे शब्दों में अपनी राय रखने वाले तरुण सागर का गुरुग्राम से भी गहरा नाता रहा। हरियाणा विधानसभा में साल 2017 में अपना प्रवचन देने वाले जैन मुनी समय-समय पर गुरुग्राम के कार्यक्रमों में भी शिरकत करते थे। उनके निधन पर जैन समाज के लोगों में शोक का माहौल रहा। लोगों ने कहा कि जैन मुनि भले ही दुनिया छोड़ गए हों पर वे अपने कड़वे प्रवचनों में सदा अमर रहेंगे।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: 'जिसके पैरों में जूता नहीं, सिर पर छाता नहीं, बैंक में खाता नहीं, परिवार से नाता नहीं उसे कहते हैं दिगंबर मुनि। जिसके तन पर कपड़े नहीं, जिसके मन में लफड़े नहीं, जिसके वचन में झगड़े नहीं, जीवन में कोई रगड़े नहीं, उसे कहते हैं दिगंबर मुनि। जिसका कोई घर नहीं, किसी बात का डर नहीं, दुनिया का असर नहीं और जिससे बड़ा कोई सुपर नहीं, उसे कहते हैं दिगंबर मुनि।'
इस कविता के जरिए दिगंबर मुनि की परिभाषा बताने वाले 51 वर्षीय जैन मुनि तरुण सागर ने शनिवार सुबह आखिरी सांस ली। समाज और राष्ट्र जीवन के अहम मुद्दों पर तीखे शब्दों में अपनी राय रखने वाले तरुण सागर का गुरुग्राम से भी गहरा नाता रहा। हरियाणा विधानसभा में साल 2017 में अपना प्रवचन देने वाले जैन मुनि समय-समय पर गुरुग्राम के कार्यक्रमों में भी शिरकत करते थे। उनके निधन पर जैन समाज के लोगों में शोक का माहौल रहा। लोगों ने कहा कि जैन मुनि भले ही दुनिया छोड़ गए हों पर वे अपने कड़वे प्रवचनों में सदा अमर रहेंगे। प्रार्थना सभा का आयोजन आज: जैन मुनि की स्मृति में रविवार को सेक्टर-14 स्थित तरुण सागर पार्क में सुबह 10 बजे से प्रार्थना सभा का भी आयोजन होगा। जैन समाज सेक्टर-14 द्वारा आयोजित इस सभा में शहर के विभिन्न हिस्सों से जैन समुदाय के लोग पहुंचेंगे। कोट:
न सिर्फ ऊंचे आदर्श बल्कि समाज के प्रति योगदान के लिए भी वे हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे। गुरुग्राम से भी उनका गहरा रिश्ता रहा। उनके विचार लोगों को प्रेरणा देते रहेंगे।
-र¨वद्र जैन, अध्यक्ष, जैन सभा से0-14 मुनिश्री अपने कड़वे प्रवचनों के लिए प्रसिद्ध रहे। इसी वजह से उन्हें क्रांतिकारी संत भी कहा जाता था। उन्होंने उम्र भर समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट करने का प्रयास किया।
-राकेश जैन, अध्यक्ष, सिद्धांत क्षेत्र शिकोहपुर जैन मुनि ने जैन परंपराओं का अच्छे से निर्वाह किया। वे कड़वे प्रवचन देते थे बावजूद इसके लोगों के बीच लोकप्रिय थे। उन्होंने संसार को जियो और जीने दो के मार्ग पर चलना सिखाया।
-केएस जैन, वरिष्ठ अधिवक्ता
उन्होंने कहा था कि अपने भगवान और मौत को याद रखिए और किसी ने आपके साथ बुरा किया या आपने कोई अच्छा काम किया उसे भुला दीजिए। उनकी एक-एक पंक्ति जीवन की सच्चाई है।
-अशोक जैन, निवासी, से0-14