रफ्तार के रोमांच में जीवन को संकट में न डालें: अखिल कुमार
कोहरे के कोहराम पर लगाम लगाने के लिए बृहस्पतिवार को ओल्ड दिल्ली रोड स्थित आकाश इंस्टीट्यूट में दैनिक जागरण की ओर से संवाद कार्यक्रम रखा गया।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: कोहरे के कोहराम पर लगाम लगाने के लिए बृहस्पतिवार को ओल्ड दिल्ली रोड स्थित आकाश इंस्टीट्यूट में दैनिक जागरण की ओर से संवाद कार्यक्रम रखा गया। इसमें सहायक पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक) अखिल कुमार ने मेडिकल एवं इंजीनियरिग की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों से संवाद स्थापित किया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका निभाई।
सहायक पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक) अखिल कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता पैदा करने के बारे में दैनिक जागरण का अभियान सराहनीय है। इस दिशा में सभी तरह की संस्थाओं को प्रयास करना चाहिए। सामूहिक प्रयास से ही बदलाव आएगा। किसी भी समस्या का सबसे बेहतर समाधान जागरूकता है। दिक्कत यह है कि कुछ पढ़े-लिखे लोग नियमों को तोड़ते हैं। वे सबकुछ जानते हैं, फिर भी लापरवाही बरतते हैं। ऐसे लोगों को तो आगे बढ़कर बेहतर संदेश देना चाहिए।
अखिल कुमार ने कहा कि क्या पढ़े-लिखे लोगों को नहीं पता कि बाइक चलाते समय हेलमेट लगाना चाहिए। कार चलाते समय सीट बेल्ट लगाना आवश्यक है। हादसे में अधिकतर बाइक सवार की मौत सिर में चोट लगने से होती है। हेलमेट से काफी बचाव हो जाता है। अब जो नई कारें आ रही हैं उसमें एयर बैग सिस्टम है। वह सिस्टम भी तभी काम करता है जब सीट बेल्ट का उपयोग किया जाए। कहने का अभिप्राय यह है कि अपनी जिदगी के साथ खिलवाड़ न करें।
अखिल कुमार ने कहा किआपके पीछे बहुत सारे लोग हैं, जिनकी आपसे से काफी अपेक्षाएं जुड़ी हैं। हर पल इस बात का अहसास करें कि जीवन से बढ़कर कुछ भी नहीं। रफ्तार के रोमांच में जीवन को संकट में न डालें। जीवन है तो सबकुछ है। जीवन नहीं तो कुछ भी नहीं। अखिल कुमार ने विद्यार्थियों से ट्रैफिक नियमों के बारे में सवाल-जवाब भी किए। इस दौरान बेहतर जवाब देने पर छात्रा शैलजा को बुके देकर सम्मानित किया।
इससे पहले आकाश इंस्टीट्यूट के निदेशक मनीष सहरावत एवं अंकुर अग्रवाल ने भी दैनिक जागरण के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि जीवन को बचाने के लिए इससे बेहतर अभियान नहीं हो सकता। जीवन अनमोल है। यह अहसास कराना आवश्यक है। कुछ लोग इसका अहसास नहीं करते हैं इसलिए ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते। नियमों का पालन हर हाल में करें। कहीं जाने में दो मिनट की देरी सही लेकिन नियमों को न तोड़ें। कई बार एक छोटी सी गलती पूरे जीवन के लिए अभिशाप बन जाती है। परिवार की खुशियां एक ही पल में समाप्त हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने इंस्टीट्यूट में समय-समय पर ट्रैफिक नियमों के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक करेंगे।
संवाद कार्यक्रम में दिए गए सुझाव
- कोहरे के दौरान ही नहीं बल्कि सामान्य दिनों में भी रफ्तार नियंत्रण में रखें।
- बिना हेलमेट पहने न बाइक और न ही बिना सीट बेल्ट पहने कार चलाएं।
- कोहरे के दौरान किसी भी चौराहे को पार करते समय सावधानी बरतें।
- किसी भी हाल में चौराहे पर रेड लाइट जंप न करें।
- यदि कोई पैदल सड़क क्रास कर रहा हो तो पहले जाने दें।
- कोहरे के दौरान अपने वाहन में रिफ्लेक्टर टेप हर हाल में लगाएं।