औद्योगिक प्रतिष्ठानों में 10 फीसद प्रशिक्षु रखना जरूरी
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: आइटीआइ से प्रशिक्षण लेने के बाद भी बेरोजगारी झेल रहे युवाओं क
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: आइटीआइ से प्रशिक्षण लेने के बाद भी बेरोजगारी झेल रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर श्रम विभाग ने शिक्षुता अधिनियम 1961 को सभी उद्योगों एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में कड़ाई से लागू करने पर बल देना शुरू कर दिया है। अतिरिक्त श्रमायुक्त नरेश नरवाल ने बताया कि शिक्षुता अधिनियम में दिए प्रावधान के अनुसार सभी कारखानों व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान, जिनमें कर्मियों की संख्या 40 से अधिक है, उनमें 2.5 से 10 फीसद तक प्रशिक्षु रखना अनिवार्य है। प्रतिष्ठान द्वारा प्रत्येक प्रशिक्षु को दिए जाने वाले स्टाइपेंड का 25 प्रतिशत या अधिकतम 1500 रुपये तक की राशि सरकार से प्रतिपूर्ति (रि-इम्बर्समेंट) के तौर पर प्राप्त की जा सकती है।
शिक्षुता अधिनियम तथा इससे संबंधित सभी जानकारियां कारखानों व वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों को देने के लिए 17 जनवरी को गुरुग्राम के महरौली रोड स्थित जीआइए हाउस में तथा 18 जनवरी को उद्योग विहार फेज-5 स्थित एचएसआइआइडीसी सभागार में कार्यशाला रखी गई है। 19 जनवरी को भी मानेसर के एचएसआइआइडीसी सभागार में प्रात: 11 बजे तथा गुरुग्राम के सेक्टर-37 में दोपहर बाद ढाई बजे जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
अतिरिक्त श्रमायुक्त ने कहा कि शिक्षुता में प्रतिष्ठान व प्रशिक्षु दोनों को फायदा होता है। इस योजना से जहां एक ओर प्रतिष्ठान को सस्ते में कुशल मैनपॉवर मिल जाता है वहीं दूसरी ओर प्रशिक्षु को उद्योग में हैंड्स ऑन सीखने का अवसर मिलता है जिसके बाद उसके रोजगार प्राप्त करने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं और यदि वह चाहे तो अपना रोजगार भी शुरू कर सकता है।