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डोनाल्ड ट्रंप के दौरे पर टिकी आइटी सेक्टर की नजर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत दौरे पर आ चुके हैं। उनके इस दौरे पर साइबर सिटी के आइटी क्षेत्र के लोगों की निगाहें टिकी हुईं हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 08:12 PM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 06:22 AM (IST)
डोनाल्ड ट्रंप के दौरे पर टिकी आइटी सेक्टर की नजर
डोनाल्ड ट्रंप के दौरे पर टिकी आइटी सेक्टर की नजर

यशलोक सिंह, गुरुग्राम

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत दौरे पर आ चुके हैं। उनके इस दौरे पर साइबर सिटी के आइटी क्षेत्र के लोगों की निगाहें टिकी हुईं हैं। हालांकि आइटी दिग्गजों का यह भी मानना है कि दोनों देशों में कोई बड़ा कारोबारी समझौता होने की फिलहाल अधिक संभावना नहीं दिख रही है, फिर भी इन्हें भविष्य में काफी उम्मीदें दिखाई दे रही हैं। आइटी कंपनियों के अधिकारियों कहना है कि उन्हें इस बात का भरोसा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ट्रंप से बातचीत के दौरान आइटी कंपनियों को लेकर चर्चा जरूर करेंगे। कहा जा रहा है कि इसके लिए यही सबसे उपयुक्त समय है, क्योंकि अमेरिका चीन से अपना आइटी बिजनेस धीरे-धीरे हटा रहा है। इसे भारत की ओर आकर्षित करने का प्रयास जरूर होना चाहिए। ऐसा हुआ तो आइटी क्षेत्र का दायरा काफी व्यापक हो जाएगा।

आइटी बिजनेस से जुड़े लोगों का कहना है कि दोनों देशों के बीच भले ही कोई बड़ा द्विपक्षीय कारोबारी समझौता न हो, इसके बावजूद तमाम संभावनाएं दिख रही हैं। सोमवार को अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने भाषण में कारोबार, निर्यात और उद्यमिता का जिक्र किया। इससे इससे आइटी इंडस्ट्री के लोगों का उत्साह बढ़ा है। गुरुग्राम में लगभग 300 अमेरिकन आइटी कंपनियां हैं। अमेरिकी आइटी कंपनियों के 150 हेडक्वाटर गुरुग्राम में है। इनमें माइक्रोसॉफ्ट, आइबीएम, गूगल और लिकडेन प्रमुख नाम हैं। आइटी विशेषज्ञ अमित आनंद का कहना है कि देश में आइटी क्षेत्र के विकास एवं विस्तार की अपार संभावनाएं हैं। ऐसे में समय में आउटसोर्सिंग और एच1बी वीजा को लेकर अमेरिका से बात होनी चाहिए।

आइटी कंपनी में अधिकारी विनीता यादव का कहना है कि अमेरिका चीन से धीरे-धीरे अपना आइटी कारोबार हटा रहा है। ऐसे में भारत के पास इन कंपनियों को अपने यहां आकर्षित करने का बेहतर मौका है। यदि अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री चर्चा करें तो काफी लाभ हो सकता है। इनका यह भी कहना है कि दोनों देशों के कारोबारी प्रतिनिधियों के बीच भविष्य में बातचीत की योजना बनाई जा सकती है। आइटी कंपनियों के ग्रोथ को दोगुना करने का यही समय है।

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आइटी क्षेत्र में अमेरिकी निवेश को आकर्षित करने का यह सबसे बेहतर समय है। केंद्र सरकार को इनके बारे में जरूर सोचना होगा। एच1बी और आउटसोर्सिंग का मुद्दा भी बातचीत के दौरान उठाया जाना चाहिए। अमेरिकी आइटी कंपनियां चीन में अपना बिजनेस जिस प्रकार से घटाने में जुटी हैं यही भारत के लिए बड़ा अवसर है।

प्रदीप यादव, प्रेसिडेंट, हाइटेक इंडिया


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