संत रविदास के बताए मार्ग पर चलें लोग: हितेंद्र शर्मा
संत शिरोमणि गुरु रविदास ने अपने समय में जिन मानवतावादी मूल्यों के लिए संघर्ष किया जैसे आदर्श समाज की कल्पना की एवं राज्य की जो अवधारणा पेश की वह आज भी प्रासंगिक है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: संत रविदास ने अपने समय में जिन मानवतावादी मूल्यों के लिए संघर्ष किया, जैसे आदर्श समाज की कल्पना की एवं राज्य की जो अवधारणा पेश की वह आज भी प्रासंगिक है। यह हमारे संविधान का भी आज हिस्सा है। संत रविदास के बताए मार्ग पर चल कर ही समाज को बेहतर बनाया जा सकता है।
यह बातें रविवार को बादशाहपुर के एसडीएम हितेंद्र शर्मा ने सिविल लाइंस स्थित स्वतंत्रता सेनानी भवन ने गुरु रविदास जयंती पर आयोजित समारोह में कही। जिला स्तरीय यह समारोह जिला कल्याण विभाग द्वारा आयोजित किया गया। एसडीएम से संत शिरोमणि गुरु रविदास की शिक्षा को प्रासंगिक बताते हुए कहा कि गुरु रविदास तर्क देते थे कि जब सभी लोग हाड़-मांस व खून के ही बने हैं तो भिन्न या छोटे बड़े कैसे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हिदी की भक्ति काव्य धारा में संत रविदास की अपनी सर्वथा अलग एवं विलक्षण पहचान बनाई है। वह किसी भी प्रकार के पाखंड को स्वीकार नहीं करते थे। एसडीएम ने कहा कि संत रविदास का सारा साहित्य समाज में एकता और भाईचारे पर टिका हुआ था। वह समाज की रुढि़यों को तोड़ते थे। वह मनुष्य व मनुष्य में भेद करने वाले हर सिद्धांत, कर्मकांड, आडंबर और विश्वास का विरोध करते थे।
संत रविदास ने भक्ति को भी दासता का गुण बता डाला और कहा कि ईश्वर को व्रत, दान, गृह त्याग आदि से नहीं पाया जा सकता है। वह तो बस मानव प्रेम में मिलेंगे। गुरु रविदास ने कहा था कि जन्म से कोई ऊंचा-नीचा नहीं होता। कार्यक्रम के दौरान जिला कल्याण अधिकारी कमल किशोर यादव ने बच्चों से मोबाइल व सोशल मीडिया पर जीवन को भ्रमित करने वाली बातों से दूर रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बच्चों को चाहिए कि वह जीवन में अच्छी-अच्छी बातों को अपनाएं।