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औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने को इन्वेस्टमेंट सब्सिडी स्कीम में बदलाव

हरियाणा को औद्योगिक निवेश का हब बनाने की मकसद से प्रदेश सरकार द्वारा नई औद्योगिक नीति के अंतर्गत इन्वेस्टमेंट सब्सिडी स्कीम में बदलाव किया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 07:07 PM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 06:36 AM (IST)
औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने को इन्वेस्टमेंट सब्सिडी स्कीम में बदलाव
औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने को इन्वेस्टमेंट सब्सिडी स्कीम में बदलाव

यशलोक सिंह, गुरुग्राम

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हरियाणा को औद्योगिक निवेश का हब बनाने के मकसद से प्रदेश सरकार द्वारा नई औद्योगिक नीति के अंतर्गत 'इन्वेस्टमेंट सब्सिडी' स्कीम में बदलाव किया गया है। इसका सबसे अधिक फायदा बी, सी और डी ब्लॉक में भविष्य में स्थापित होने वाली व मौजूदा औद्योगिक इकाइयों को मिलेगा। यह इंडस्ट्री मुख्य रूप से टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल कंपोनेंट, खाद्य एवं प्रसंस्करण, फुटवियर, डिफेंस, एयरोस्पेस एवं इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र से संबंधित होंगी। नए बदलाव के अनुसार इन क्षेत्रों की इंडस्ट्री को उनके द्वारा अदा किए जाने वाले स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स (एसजीएसटी) का बड़ा हिस्सा री-इंबर्समेंट (अदायगी) के तौर पर लौटा दिया जाएगा, जिससे उद्योगों की फंड को लेकर चिता खत्म हो जाएगी। इस बदलाव को लेकर 14 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।

प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने को लेकर सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिलने के बाद सरकार ने अपनी औद्योगिक नीति के अंतर्गत इन्वेस्टमेंट सब्सिडी में बदलाव किया है। अब सरकार को यह बात भली-भांति पता चल गई है कि सिर्फ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने से ही निवेश नहीं आने वाला है। इसके लिए और भी प्रयास किया जाना जरूरी है। सरकार की मंशा है कि प्रदेश के उन पिछड़े क्षेत्रों में भी निवेश आएं और वहां औद्योगिक विकास हो, जिससे प्रदेश के हर औद्योगिक क्षेत्र का समग्र रूप से विकास हो। इसी बात को लेकर इन्वेस्टमेंट सब्सिडी स्कीम में बदलाव किया गया है।

इन्वेस्टमेंट सब्सिडी स्कीम में बदलाव का लाभ अल्ट्रा मेगा, लॉर्ज व एमएसएमई वर्ग के उद्योगों को मिलेगा। अल्ट्रा मेगा औद्योगिक परियोजनाओं को हरियाणा एंटरप्राइजेज प्रमोशन बोर्ड द्वारा कई प्रकार की सुविधाएं दी जाएंगी, जिसमें मिक्स लैंड यूज, भूमि का अलॉटमेंट व भूमि की कीमत को लेकर प्रोत्साहन अनुदान दिया जाएगा। डी कटेगरी में स्थापित एवं स्थापित होने वाले मेगा प्रोजेक्ट के अंतर्गत पहले पांच वर्ष तक दिए गए एसजीएसटी पर 75 व अगले तीन वर्ष तक 35 फीसद एसजीएसटी का री-इंबर्समेंट दिया जाएगा। सी कटेगरी में पहले पांच साल तक 50 व अगले तीन साल तक 25 फीसद एसजीएसटी का री-इंबर्समेंट दिया जाएगा। इन्वेस्टमेंट सब्सिडी स्कीम में प्रदेश सरकार द्वारा जो बदलाव किया गया है, वह औद्योगिक निवेश, विकास एवं विस्तार की दृष्टि से काफी सराहनीय है। इससे निवेशक प्रदेश की ओर आकर्षित होंगे। छोटे औद्योगिक क्षेत्रों की स्थिति में भी सुधार होगा और वहां बड़े उद्योग स्थापित होंगे।

-विकास जैन, अध्यक्ष, गुड़गांव चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री


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