Move to Jagran APP

सप्ताह का साक्षात्कार: शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव के लिए राउंड पर रहेंगी 150 टीमें

लोकतंत्र के महापर्व को शांतिपूर्ण व निष्पक्ष तरीके से कराने की सबसे विशेष जिम्मेदारी पुलिस महकमे पर होती है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 05:21 PM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 05:21 PM (IST)
सप्ताह का साक्षात्कार: शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव के लिए राउंड पर रहेंगी 150 टीमें
सप्ताह का साक्षात्कार: शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव के लिए राउंड पर रहेंगी 150 टीमें

लोकतंत्र के महापर्व को शांतिपूर्ण व निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने में पुलिस महकमे का भी खास योगदान होता है। इसे देखते हुए विधानसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले ही तैयारी शुरू कर दी गई थी। जिले में बाहर के जिलों के साथ ही पड़ोसी राज्यों से अपराधी प्रवेश न कर सकें, इसके लिए अंतरराज्यीय स्तर पर बैठक की गई। पूरे जिले को कई भागों में बांटकर फ्लैग मार्च किए गए। इसके माध्यम से शांतिपूर्ण व निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने का संदेश दिया गया। अब तक जो भी तैयारी की गई, उसकी असली परीक्षा आज (सोमवार) को होनी है। लोकसभा चुनाव की तरह ही विधानसभा चुनाव की परीक्षा में पास होने के लिए महकमे की ओर से मतदान के लिए क्या विशेष रणनीति बनाई गई है, गड़बड़ी की सूचना पर कितनी देर में टीमें कहीं भी पहुंचेंगी, किस-किस स्तर की टीमें बनाई गई हैं सहित कई सवालों को लेकर दैनिक जागरण के आदित्य राज ने गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त मोहम्मद अकील से विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत है मुख्य अंश : शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव के लिए पुलिस अधिकारियों की कितनी टीमें बनाई गई हैं?

loksabha election banner

- पूरे जिले के लिए कुल 150 टीमें बनाई गई हैं। पुलिस उपायुक्त, सहायक पुलिस आयुक्त एवं सभी थाना प्रभारियों एवं अन्य पुलिस इंस्पेक्टरों के नेतृत्व में टीमें बनाई गई हैं। सभी के इलाके तय कर दिए गए हैं। वैसे तो सभी टीमें चुनाव प्रचार खत्म होने के साथ ही अपने इलाकों पर नजर रख रही हैं लेकिन मतदान के दिन सुबह पांच बजे से मतदान संपन्न होने तक सभी 100 फीसद राउंड पर रहेंगी। सभी टीमों के लिए लंच की व्यवस्था साथ-साथ रहेगी ताकि लंच के लिए अपने इलाके से बाहर न जाना पड़े। टीमें हथियारों से लैस रहेंगी ताकि किसी भी स्थिति का बेहतर तरीके से सामना किया जा सके। जिले में जितने भी संदिग्ध हैं, उनकी पहचान कर ली गई है। सभी के ऊपर नजर रखी जा रही है। क्राइम ब्रांच को पूरी तरह मतदान कार्य से अलग रखा गया है ताकि वे आपराधिक गतिविधियों पर पूरी तरह नजर रख सकें। इसी तरह ट्रैफिक पुलिस को भी मतदान कार्य से अलग रखा गया है ताकि किसी भी इलाके में ट्रैफिक व्यवस्था पर असर न पड़े। किसी मतदान केंद्र पर यदि गड़बड़ी होती है तो कितनी देर में टीमें पहुंच जाएंगी?

- वैसे तो कहीं पर भी गड़बड़ी की गुंजाइश ही नहीं रहेगी। इसके बाद भी यदि कहीं गड़बड़ी होती है तो सूचना मिलते ही इलाके की टीमें तीन से 15 मिनट के बीच में पहुंच जाएंगी। शहरी इलाकों में टीमें तीन से पांच मिनट के बीच जबकि सुदूर ग्रामीण इलाकों में तीन से 15 मिनट के बीच हर हाल में टीमें पहुंच जाएंगी। वैसे जितने भी संवेदनशील इलाके हैं उन इलाकों के मतदान केंद्रों पर हथियारों से लैस पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। बाकी मतदान केंद्रों पर भी डंडों के साथ पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। सभी के लिए नाश्ते से लेकर लंच एवं चाय की व्यवस्था मौके पर की जाएगी ताकि वे अपना स्थान न छोड़ सकें। जिले से लगती जितनी भी सीमाएं हैं, सभी सीमाओं पर संयुक्त नाके लगाए गए हैं। सबसे अधिक दिल्ली से लगती सीमाओं पर नजर रखी जा रही है। मतदान के बाद ईवीएम की सुरक्षा को लेकर क्या तैयारी की गई है?

- मतदान केंद्रों पर ईवीएम की सुरक्षा से लेकर मतगणना केंद्र तक ईवीएम सुरक्षित पहुंचाने की जिम्मेदारी पुलिस की है। जब तक ईवीएम निर्धारित स्थानों पर जमा नहीं हो जाएगी तब तक पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। इस बारे में स्पष्ट निर्देश हैं। इलाकों की सभी टीमें भी मतदान केंद्रों से स्ट्रांग रूम तक पहुंचाने के दौरान पूरी नजर रखेंगी। स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए तीन स्तरीय व्यवस्था की गई है। वीडियो कैमरे चारों तरफ लगाए गए हैं। कोई भी स्ट्रांग रूम तक नहीं पहुंचे, इसके लिए जिस स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था करने की आवश्यकता है, की गई है। मतदान के दौरान कहीं भी गड़बड़ी न हो इसके लिए स्टैटिक सर्विलांस टीमें, फ्लाइंग स्क्वायड की टीमें भी सक्रिय रहेंगी। सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारी व कर्मचारी किस तरह अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे?

- मतदान कार्य में लगने वाले सभी कर्मचारी एवं अधिकारी बैलेट पेपर से मतदान करेंगे। इस बारे में पूरी तैयारी है। लोकतंत्र में मताधिकार का अधिकार सभी का है। इस अधिकार से किसी को वंचित नहीं किया जा सकता है। मैं स्वयं बैलेट पेपर से ही मतदान करुंगा क्योंकि मतदान के दौरान कहीं न कहीं राउंड पर ही रहूंगा। सभी अधिकारी एवं कर्मचारी सौ फीसद अपनी जिम्मेदारी निभा सकें, इसके लिए उन्हें हर स्तर पर सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। लोकतंत्र के महापर्व को लेकर आप लोगों से कहना चाहेंगे?

- मैं लोगों से यही कहना चाहता हूं कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनाव से बड़ा कोई महापर्व नहीं। सभी अपने मताधिकार का प्रयोग करें। संविधान में सभी को मतदान करने का अधिकार दिया गया है। इस अधिकार का हर हाल में प्रयोग करना चाहिए। इससे लोकतंत्र की बुनियाद और अधिक मजबूत होगी। साथ ही कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में भी सहयोग करें। जहां कहीं भी कोई संदिग्ध दिखाई दे, पुलिस को सूचना दें। कहीं भी यदि मतदान के दौरान गड़बड़ी की आशंका भी हो तो पुलिस को सूचना दें।

. नाम: मोहम्मद अकील

जन्मतिथि: 1 जनवरी 1966

शिक्षा: बीटेक (सिविल इंजीनियरिग)

सेवा: 1989 बैच के हरियाणा कैडर के आइपीएस। कई जिलों में पुलिस अधीक्षक रहे। पदोन्नति के बाद पुलिस महानिरीक्षक (लॉ एंड आर्डर) की जिम्मेदारी दी गई। पुलिस महानिरीक्षक से पदोन्नत होने के बाद अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड आर्डर) की जिम्मेदारी सौंपी गई। केंद्र में कई साल डेपुटेशन पर रहे। वर्तमान में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) के साथ ही गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.