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कारगिल युद्ध के समय महसूस हुई थी सीडीएस की कमी

पूर्व सेना प्रमुख जनरल (रिटा.) एनसी विज का मानना है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति से सेना की ताकत बढ़ेगी। इसकी आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। कारगिल युद्ध के समय यदि यह व्यवस्था रहती तो और कम समय में युद्ध समाप्त हो जाता।

By JagranEdited By: Published: Tue, 31 Dec 2019 05:40 PM (IST)Updated: Tue, 31 Dec 2019 05:40 PM (IST)
कारगिल युद्ध के समय महसूस
हुई थी सीडीएस की कमी
कारगिल युद्ध के समय महसूस हुई थी सीडीएस की कमी

आदित्य राज, गुरुग्राम पूर्व सेना प्रमुख जनरल (रिटा.) एनसी विज का मानना है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति से सेना की ताकत बढ़ेगी। इसकी आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। कारगिल युद्ध के समय यदि यह व्यवस्था रहती तो और कम समय में युद्ध समाप्त हो जाता। उस समय वायु सेना के इस्तेमाल में देरी हो गई थी। इससे भारी नुकसान उठाना पड़ा था। सीडीएस की भूमिका तीनों सेनाओं में बेहतर तालमेल बैठाने की रहेगी। कहां पर किसका किस समय इस्तेमाल करना है, इस बारे में अब निर्णय जल्द हो पाएगा।

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मंगलवार को दैनिक जागरण से बातचीत में जनरल (रिटा.) एनसी विज ने कहा कि कारगिल युद्ध के बाद से ही सीडीएस के गठन का इंतजार था। अब जाकर सफलता मिली है। केंद्र सरकार ने निर्णय लेकर देश की ताकत बढ़ाई है। युद्ध हो या फिर घर या कहीं भी जब तक तालमेल बेहतर न हो तब तक या तो सफलता मिलेगी ही नहीं या मिलेगी भी तो देरी से। कारगिल युद्ध अब तक हुए सभी युद्ध में काफी कठिन था। दुश्मन काफी ऊंचाई पर थे। उन्हें पीछे करने के लिए वायु सेना के इस्तेमाल की आवश्यकता शुरू से ही थी। यदि शुरू में ही वायु सेना का इस्तेमाल कर दिया जाता तो कुछ ही दिन के भीतर विजय का परचम लहरा दिया जाता। कमियों को पूरा करने

पर रहेगा विशेष जोर

सीडीएस की भूमिका जहां तीनों सेना के बीच बेहतर तालमेल बैठाने की रहेगी वहीं किसके पास क्या कमी है, उसे पूरी कराने की रहेगी। किस चीज की आवश्यकता है, उसका अध्ययन कर पूरा कराया जाएगा। इससे सेना में कहीं भी कमी की शिकायत नहीं रहेगी। सीडीएस की नियुक्ति का यही सबसे बड़ा लाभ होगा कि सरकार सेनाओं के भीतर की कमी को बेहतर तरीके से महसूस कर सकेगी। खुशी की बात यह है कि रक्षा मंत्रालय में डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स नाम से नया विभाग बनाया जाएगा। यह विभाग केवल सैन्य विषयों के ऊपर ही ध्यान देगा। इन विषयों के ऊपर काम करना बहुत आवश्यक था। यदि 15-20 साल पहले ही इन विषयों के ऊपर काम हो गया होता तो सेना की ताकत आज कुछ और दिखाई देती। अब कुछ ही साल के भीतर भारतीय सेना पहले से कई गुणा मजबूत दिखाई देगी। अनुच्छेद 370 हटाने से आतंकी गतिविधियों पर लगी लगाम

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से आतंकवादी गतिविधियों पर काफी हद तक लगाम लग गई है। अब पाकिस्तान अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाएगा। अब वहां के लोगों को भड़काना या बहकाना आसान नहीं है। केंद्र सरकार ने बहुत ही ऐतिहासिक निर्णय लिया है। आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगने से विकास कार्य तेज होंगे। जल्द ही तस्वीर बदली हुई दिखाई देगी।


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