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गुरुग्राम विवि में अंतरराट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन

गुरुग्राम विश्वविद्यालय में श्रीमछ्वागवत गीता का ²ष्टिकोण और हिदी विषय पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित हुई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 06:19 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 06:19 PM (IST)
गुरुग्राम विवि में अंतरराट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन
गुरुग्राम विवि में अंतरराट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: गुरुग्राम विश्वविद्यालय में 'श्रीमद्भगवद्गीता का ²ष्टिकोण और हिदी' विषय पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित हुई। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। विवि के सचिव डॉ. भारती शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि चौ. रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद के कुलपति डॉ. आरबी सोलंकी, श्रीविश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू और गुरुग्राम विवि के कुलपति डॉ. मार्कंडे आहूजा रहे। वहीं विश्व हिदी संस्थान कनाडा के अध्यक्ष डॉ. सरन घई, ग्लोबल हिदी संस्थान की ओर से डॉ. कामराज सिधु, दिल्ली विवि के सत्यवती कॉलेज से डॉ. रचना बिमल, पीजीडीएवी संस्था कॉलेज से डॉ. हरीश अरोड़ा, हिदी विभाग बेल्जियम के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. कपिल शर्मा, हिदी विभाग जापान से डॉ. पूर्णिमा शर्मा बतौर विशिष्ठ अतिथि मौजूद रहे।

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श्रीविश्वकर्मा कौशल विवि के कुलपति राज नेहरू ने विद्यार्थियों को कहा कि गीता में जीवन का सार छिपा हुआ है। कनाडा से आए डॉ. घई ने कहा कि वे पिछले 12 वर्षों से गीता के श्लोकों के जरिए हिदी का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं और यही उनका कर्तव्य है। जापान से आई डॉ. पूर्णिमा ने कहा कि वे जापान में हिदी का प्रचार-प्रसार करती हैं। चौ. रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आरबी सोलंकी ने कहा कि यदि कोई भारत को समझना चाहता है कि भारत क्या है, तो उसे गीता और कुरुक्षेत्र को जानना व समझना होगा।

इस दौरान डॉ. कामराज सिधु व डॉ. दीप्ति जोशी की किताब 'सुनो तुम मुझसे वादा करो' का विवि कुलपति डॉ. आहूजा ने विमोचन किया। संगोष्ठी में पुस्तक लेखकों और शोध-पत्र जारी करने वाले शोधकर्ताओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में डॉ. अमन वशिष्ठ, रामकृष्ण गोस्वामी, डॉ. अशोक खन्ना, डॉ. एसएन शर्मा, डॉ. सुभाष शर्मा, डॉ. वंदना हांडा, डॉ. सुमन वशिष्ठ, डॉ. नवीन गोयल, डॉ. शुभम गांधी, डॉ. धीरेंद्र, डॉ. एमएस तुरान, डॉ. बदरुद्दीन, डॉ. गुंजन मलिक, डॉ. गीतिका मलिक समेत सभी प्राध्यापक और शोधकर्ता मौजूद रहे।


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