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करोड़ों के फ्लैट में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं

सेक्टर-67 स्थित आइरियो विक्टर वैली फ्लैट मालिकों को बुनियादी सुविधाएं तक नसीब नहीं हो पा रही हैं। चार साल की देरी से कब्जा मिलने के बाद भी बिल्डर फ्लैट मालिकों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं करा रहे। लगभग 26 एकड़ में फैला यह प्रोजेक्ट 2010 में विकसित होना शुरू हुआ। 2014 में लोगों को फ्लैट का कब्जा देने का भरोसा दिया लेकिन 2017-1

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Jun 2019 03:38 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jun 2019 03:38 PM (IST)
करोड़ों के फ्लैट में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं
करोड़ों के फ्लैट में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं

संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम: सेक्टर-67 स्थित आइरियो विक्टर वैली फ्लैट मालिकों को बुनियादी सुविधाएं तक नसीब नहीं हो पा रही हैं। चार साल की देरी से कब्जा मिलने के बाद भी बिल्डर फ्लैट मालिकों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं करा रहे। लगभग 26 एकड़ में फैला यह प्रोजेक्ट 2010 में विकसित होना शुरू हुआ। 2014 में लोगों को फ्लैट का कब्जा देने का भरोसा दिया लेकिन 2017-18 में कब्जे दिए गए। इसके बावजूद लोगों को बिजली व पानी नहीं मिल की सुविधा नहीं मिली। सोसायटी में कुल 800 फ्लैट हैं जिनमें लगभग 350 फ्लैट मालिकों ने यहां रहना शुरू कर दिया है। इन समस्याओं के समाधान के लिए कई बार बिल्डर प्रबंधन को अवगत कराया लेकिन उनकी तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया।

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फ्लैट मालिकों की मानें तो सोसायटी में प्रबंधन की तरफ से अभी तक पानी का कनेक्शन नहीं लिया गया। जबकि जीएमडीए की मास्टर वाटर पाइप लाइन सोसायटी के बाहर तक बिछी हुई है। इसी प्रकार से बिजली का कनेक्शन केवल 0.5 मेगावाट का लिया हुआ है, जबकि जरूरत 15 मेगावाट की है। अधिकतर समय बिजली डीजल जनरेटरों पर चल रही है। सोसायटी में एक टावर 50 मंजिला है और इसमें केवल एक ही लिफ्ट है। फ्लैट में जाने के लिए भी लोगों को 15-15 मिनट तक इंतजार करना पड़ता है। बिल्डर प्रबंधन की इस संबंध में बात की गई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

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2010 में 2.25 करोड़ रुपये का फ्लैट खरीदा था, लेकिन शुल्क देने के बाद भी क्लब, कम्युनिटी हॉल की सुविधाएं पूरी नहीं मिल रही हैं।

-मनु कालड़ा, फ्लैट निवासी

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2017 में शिफ्ट हुआ, लेकिन न बिजली मिली है और न ही जीएमडीए से पानी की सप्लाई। बिजली के लिए 22 रुपये यूनिट का भुगतान कर रहे हैं।

विकास गोयल, निवासी

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बिजली सुविधा ठीक न होने से कई बार लोग लिफ्ट में फंस जाते हैं और 15 मिनट से आधे घंटे तक अटक जाते हैं।

- विशाल कपिल, निवासी

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करोड़ों रुपये खर्च कर फ्लैट लिया था। पानी के लिए टैंकरों पर निर्भर हैं। हर साल आरडब्ल्यूए की तरफ से 45 लाख रुपये की अदायगी की जाती है।

-श्रषि मुटरेजा, निवासी

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शिकायत मिलने पर बिल्डर प्रबंधन और रेजिडेंट्स की संयुक्त बैठक बुलाकर समस्याएं सुनी जाएंगी और फिर उचित कदम उठाया जाएगा।

-आरएस बाठ, डीटीपी प्लानिग


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