भूजल दोहन कर हो रहा अवैध इमारतों का निर्माण
अवैध रूप से बारेवेल लगाकर शहर में अवैध निर्माण किए जा रहे हैं। ज्यादातर निर्माणाधीन इमारतों में अवैध रूप से बारेवेल लगे हुए हैं लेकिन नगर निगम और जिला प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : अवैध रूप से बारवेल लगाकर शहर में अवैध निर्माण किए जा रहे हैं। ज्यादातर निर्माणाधीन इमारतों में अवैध रूप से बारवेल लगे हुए हैं, लेकिन नगर निगम और जिला प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। हालांकि, शुक्रवार को जिला प्रशासन व नगर निगम की टीमों ने संयुक्त रूप से 200 अवैध बोरवेल को सील किया था, लेकिन निर्माणाधीन इमारतों में लगे बोरवेल को सील करने की कार्रवाई नहीं की गई है।
नगर निगम से बिना नक्शा पास करवाए काफी तादाद में अवैध निर्माण किए जा रहे हैं, जहां पर भूजल की बर्बादी भी की जा रही है। आयुध डिपो के 900 मीटर प्रतिबंधित क्षेत्र में भी अवैध निर्माणों और बोरवेल पर रोक नहीं लग पा रही है। यहां पर नहरी पेयजल कनेक्शन नहीं होने के कारण हर घर में बोरवेल लगे हुए हैं। इन जगहों पर हो रहे अवैध निर्माण
बस स्टैंड क्षेत्र, सेक्टर 12 के नजदीक, व्यापार सदन, महरौली रोड, लक्ष्मण विहार, अशोक विहार, राजेंद्रा पार्क, दौलताबाद क्षेत्र, न्यू कॉलोनी, कृष्णा कॉलोनी, दयानंद कॉलोनी, पालम विहार, निहाल कॉलोनी, शीतला कॉलोनी, गुड़गांव गांव, राजीव नगर, पटेल नगर, झाड़सा गांव, इस्लामपुर, टीकरी गांव, कादीपुर, आठ मरला, शक्ति नगर, हीरा नगर, नरसिंहपुर और बादशाहपुर सहित काफी जगहों पर अवैध रूप से इमारतें खड़ी की जा रही हैं। नक्शे के हिसाब से नहीं हो रहे निर्माण
नियमानुसार किसी भी इमारत के निर्माण से पहले नगर निगम से नक्शा पास करवाना जरूरी होता है। ज्यादातर जगहों पर ऐसे मामले सामने आ रहे हैं कि नक्शा तो पास है, लेकिन निर्माण नक्शे के मुताबिक नहीं किया जा रहा है। यानी मनमानी से निर्माण की लंबाई चौड़ाई घटाने-बढ़ाने व छज्जे व रैंप निकाले जा रहे हैं। ऐसे में ये निर्माण अवैध हैं, लेकिन निगम की टीम कार्रवाई नहीं कर रही है। इनफोर्समेंट टीम की कार्यप्रणाली पर सवाल
शहर में लगातार भूमाफिया और स्थानीय नेताओं द्वारा अवैध कॉलोनियां कटवाने व अवैध निर्माण जैसी गतिविधियों को रोकने के लिए नगर निगम में एक मजबूत इनफोर्समेंट टीम की जरूरत है। पिछले दिनों इनफोर्समेंट को मर्ज कर डेवलपमेंट का काम देख रहे एक्सईएन को ही अवैध निर्माण रोकने की जिम्मेदारी दी गई थी। खास बात यह है कि इनफोर्समेंट के ज्यादातर जेई आउटसोर्स के कर्मचारी हैं, जो स्थानीय पार्षदों और जनप्रतिनिधियों के प्रभाव में काम कर रहे हैं।
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