फ्लैट आवंटियों ने बिल्डर के खिलाफ किया प्रदर्शन
गुरुग्राम शहर के सेक्टर-37सी स्थित आइएलडी ग्रीन रिहायशी परियोजना के आवंटियों से बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन किया। हरियाणा रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (हरेरा) कार्यालय के बाहर सोमवार को हुए इस प्रदर्शन के दौरान हर आबंटी आक्रोशित दिखा। इनका आरोप है कि बिल्डर उनके साथ धोखाधड़ी कर रहा है। बिल्डर ने दावा किया था कि वह सभी को उनके फ्लैट दिसंबर, 2012 तक आबंटित कर देगा।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : शहर के सेक्टर-37सी स्थित आइएलडी ग्रीन रिहायशी परियोजना के आवंटियों से बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन किया। हरियाणा रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (हरेरा) कार्यालय के बाहर सोमवार को हुए इस प्रदर्शन के दौरान हर आवंटी आक्रोशित दिखा। इनका आरोप है कि बिल्डर उनके साथ धोखाधड़ी कर रहा है। बिल्डर ने दावा किया था कि वह सभी को उनके फ्लैट दिसंबर, 2012 तक आवंटियों कर देगा। अब वर्ष 2018 भी खत्म होने वाला है, मौके पर महज 40 फीसद निर्माण कार्य ही उसके द्वारा कराया गया है।
बिल्डर की ओर से वर्ष 2007 में आइएलडी ग्रीन रिहायशी परियोजना को लांच किया गया था। वर्ष 2008 में बु¨कग शुरू कर दी गई थी। वर्ष 2010 में बिल्डर ने आवंटी के साथ एग्रीमेंट किया। जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा गया था कि उन्हें उनके फ्लैट का कब्जा हर हाल में दिसंबर, 2012 तक दे देगा। इस परियोजना के अंतर्गत छह टावर बनने थे जिसमें से सिर्फ तीन का ही निर्माण बिल्डर द्वारा मौके पर पूरा कराया गया है। टावर नंबर दो, छह एवं सात का काम अधूरा है। आवंटियों ने हरेरा के चेयरमैन डॉ. केके खंडेलवाल से मुलाकात कर बिल्डर की शिकायत की। आवंटी विनोद कुमार शुक्ल का कहना है कि खंडेलवाल ने इस मामले में बिल्डर के खिलाफ लिखित शिकायत मांगी जो उन्हें दे दी गई है। बिल्डर की परियोजना के आकलन के लिए हरेरा द्वारा एक कमेटी गठित करने की भी बात कही गई है। आवंटियों को हरेरा चेयरमैन ने आश्वस्त किया कि अगर उनके साथ कुछ गलत हुआ है तो उन्हें न्याय जरूर मिलेगा।
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क्या कहना आवंटियों का हमने अपने घर का सपना देखा और आइएलडी के सेक्टर-37सी स्थित आइएलडी ग्रीन रिहायशी परियोजना में अपना फ्लैट बुक कराया। बिल्डर ने वादा किया गया था कि वह उन्हें दिसंबर 2012 तक उनका फ्लैट दे देगा। अभी तक ऐसा नहीं हुआ। सभी परेशान हैं। अब तो हरेरा से ही उम्मीद है।
दिलीप कुमार भट्टाचार्य
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हमने अपने जीवन की गाढ़ी कमाई फ्लैट के लिए बिल्डर को दे दी है। अब दर-दर की ठोकर खानी पड़ रही है। बिल्डर द्वारा बार-बार यही कहा जा रहा है कि उनके पास फंड नहीं है। इसमें आवंटियों का क्या दोष है। ईएमआइ के साथ-साथ घर का किराया देना अब भारी होता जा रहा है।
राजन सोनी
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बिल्डर द्वारा आवंटियों को परेशान किया जा रहा है। उसकी ओर से परियोजना को पूरा करने को लेकर कोई ठोस जवाब नहीं दिया जा रहा है। अब तो धैर्य जवाब देता जा रहा है। बिल्डर को लोगों ने फ्लैट की कीमत का 95 फीसद अदा कर दिया है।
श्रीनाथ