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समय पर उपाय नहीं किए तो दम घोंटेगा स्मॉग

समय रहते प्रदूषण को नियंत्रित नहीं किया गया तो अक्टूबर में स्मॉग एनसीआर में परेशानी बढ़ा सकता है। तापमान में हल्की गिरावट के साथ ही प्रदूषण और जहरीली गैसें हवा में जमने लगती हैं। सुबह के समय हल्का स्मॉग (धुएं और कोहरे का मिश्रण) नजर आने लगा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 07:48 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 07:48 PM (IST)
समय पर उपाय नहीं किए तो दम घोंटेगा स्मॉग
समय पर उपाय नहीं किए तो दम घोंटेगा स्मॉग

संदीप रतन, गुरुग्राम

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समय रहते प्रदूषण को नियंत्रित नहीं किया गया तो अक्टूबर में स्मॉग एनसीआर में परेशानी बढ़ा सकता है। तापमान में हल्की गिरावट के साथ ही प्रदूषण और जहरीली गैसें हवा में जमने लगती हैं। सुबह के समय हल्का स्मॉग (धुएं और कोहरे का मिश्रण) नजर आने लगा है। गुरुग्राम सहित आसपास के जिलों में फिलहाल यह खतरनाक स्तर पर नहीं है, लेकिन अपने चरम पर यह 400 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से भी ऊपर पहुंच जाता है। बुधवार को गुरुग्राम में प्रदूषण का स्तर सुबह 10 बजे 100 माइकोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया।

हरियाणा व पंजाब में धान की कटाई शुरु होने वाली है। पराली जलाने के कारण भी उसका धुआं पूरे दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग का कारण बनता है। स्मॉग के कारण सांस लेने में काफी परेशानी होती है, इसके अलावा आंखों में भी जलन महसूस होती है। हालांकि, हरियाणा स्पेस एप्लीकेशन सेंटर धान की पराली जलाने की घटनाओं पर सेटेलाइट से नजर रखता है, लेकिन इसको रोकने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व निकायों ने कोई ठोस कदम नहीं उठा है। ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) की अवहेलना करने वालों पर भी सख्ती नहीं बरती जा रही है। शहर में निर्माणाधीन इमारतों के लिए खुले में निर्माण सामग्री रखने, सड़कों से उड़ती धूल, खुले में कचरा जलाने से प्रदूषण में इजाफा हो रहा है।

ऐसे पैदा होता है स्मॉग

स्मॉग शब्द स्मोक (धुआं) और फॉग (धुंध) से मिलकर बना है। तापमान में गिरावट और नमी बढ़ने के साथ ही हवा में मौजूद जहरीली गैसें कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड और हाइड्रो कार्बन के मोटे कण जमीन से थोड़ा ऊपर हवा में एक आवरण बना लेते हैं। देखने में यह धुएं जैसा ही लगता है।

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स्मॉग के दुष्प्रभाव सुबह के समय स्मॉग की मात्रा ज्यादा होती है। जिससे सांस लेने में काफी परेशानी होती है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है। स्मॉग से आंखों व नाक में जलन व सिरदर्द हो सकता है। स्मॉग के दौरान दिल व अस्थमा के मरीजों को एहतियात बरतने की जरूरत है। ज्यादा प्रदूषण के दौरान पार्कों में जॉगिग और व्यायाम करना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

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विशेषज्ञ की राय

सेवानिवृत्त मौसम वैज्ञानिक पीएन सिंह का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव होने के चलते मौसम बदला हुआ है। हवा में नमी की मात्रा है। ऐसे में प्रदूषण और धूल के कण नमी में मिलकर जमीन से थोड़ा ही ऊपर एक आवरण बना रहे हैं। जिसके कारण सुबह के समय स्मॉग पैदा होने लगा है।


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