दिल्ली सीमा पर सख्ती जारी रही तो फैक्ट्रियों में काम कैसे होगा
उद्योग विहार स्थित 1500 से अधिक औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: उद्योग विहार स्थित 1500 से अधिक औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले 80 फीसद से अधिक कामगार गुरुग्राम से सटे दिल्ली के इलाकों में रहते हैं। लॉकडाउन में दिल्ली सीमा पर कई दिनों से जारी भारी पुलिसिया सख्ती से कामगार उद्योग विहार में अपनी फैक्टरियों में नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में उद्यमियों को अब इस बात की आशंका सताने लगी है कि कहीं उनके यहां काम करने वाले अपने गृह राज्य न लौट जाएं। यदि ऐसा हुआ तो औद्योगिक संकट और गंभीर हो जाएगा।
उद्योग विहार की विभिन्न औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले अधिकतर कर्मचारी दिल्ली स्थित कापसहेड़ा, बिजवासन और समालखा क्षेत्र में रहते हैं। यहीं से उनका रोजाना उद्योग विहार आना-जाना रहता है। ऑटोमोबाइल क्षेत्र की कंपनी हरियाणा इंडस्ट्रीज के संचालक ईश्वर सिंह का कहना है कि यह बात समझ में नहीं आ रही है कि सरकार उद्योगों में कामकाज शुरू कराना चाहती है या बंद। पूरे उद्योग विहार में इस समय सन्नाटा पसरा हुआ है। पुलिस बॉर्डर से रोजाना हजारों कामगारों को लौटा रही है।
उद्योग विहार फेज एक स्थित एक गारमेंट कंपनी में काम करने वाले राजकुमार का कहना है कि वह मूल रूप से समस्तीपुर के रहने वाले हैं। उनकी फैक्टरी पिछले 20 दिन से खुली है मगर वह वहां तक पहुंच नहीं पा रहे हैं। इनकी दिक्कत यह है कि फैक्टरी मालिक कहता है कि काम करोगे तो ही वेतन मिलेगा। वह काम तो करना चाहते हैं मगर प्रशासनिक सख्ती के कारण वह अपने कार्य स्थल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। यही दिक्कत हजारों कर्मचारियों की है। उद्योग विहार स्थित हर फैक्टरी में कामगारों को लेकर भारी दिक्कत है। लगातार काम नहीं हो पा रहा है यही कारण है कि उद्यमी काफी निराश हैं। जिसके पास ऑर्डर है वह कामगारों के नहीं मिलने से काम नहीं करा पा रहा है। दिल्ली बॉर्डर पर सख्ती का नतीजा उद्योग जगत पर बहुत भारी पड़ने वाला है।
एपी जैन, महासचिव, उद्योग विहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन दिल्ली सीमा पर भारी सख्ती और कामगारों के फैक्टरी तक नहीं आ पाने के कारण उद्यमियों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। समय से ऑर्डर पूरा नहीं हो पाने के कारण बायर्स द्वारा यह कैंसिल किए जा रहे हैं। आखिर ऐसा कब तक चलेगा। औद्योगिक हित को देखते हुए बॉर्डर पर आना-जाना जल्द से सुचारु होना चाहिए।
सत्येंद्र सिंह, महाप्रबंधक, ईस्ट एंड वेस्ट