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हरेरा का आदेश, बिल्डर मौजूदा एरिया का ही ले अलॉटी से चार्ज

एम्मार एमजीएफ के सेक्टर-65 स्थित एमरल्ड हिल्स के एमरल्ड प्लाजा परियोजना को लेकर सिमी सिक्का की याचिका पर मंगलवार को हरियाणा भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (हरेरा), गुरुग्राम बेंच द्वारा सुनवाई की गई। जिसमें आदेश दिया गया कि बिल्डर द्वारा अलॉटी से उतनी ही एरिया के लिए ही राशि ली जाए जो उसे मौके पर दी गई है, ना कि समझौते के अनुसार। वहीं हरेरा द्वारा यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि जो भी प्रोजेक्ट उसके अंतर्गत पंजीकृत है या नहीं हैं दोनों उसके अधिकार क्षेत्र में जाएंगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 08:47 PM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 08:47 PM (IST)
हरेरा का आदेश, बिल्डर मौजूदा एरिया का ही ले अलॉटी से चार्ज
हरेरा का आदेश, बिल्डर मौजूदा एरिया का ही ले अलॉटी से चार्ज

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: एम्मार एमजीएफ के सेक्टर-65 स्थित एमरल्ड हिल्स के एमरल्ड प्लाजा परियोजना को लेकर सिमी सिक्का की याचिका पर मंगलवार को हरियाणा भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (हरेरा), गुरुग्राम बेंच द्वारा सुनवाई की गई। जिसमें आदेश दिया गया कि बिल्डर द्वारा अलॉटी से उतनी ही एरिया के लिए ही राशि ली जाए जो उसे मौके पर दी गई है, ना कि समझौते के अनुसार। हरेरा द्वारा यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि जो भी प्रोजेक्ट उसके अंतर्गत पंजीकृत है या नहीं हैं दोनों उसके अधिकार क्षेत्र में जाएंगे।

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सिमी सिक्का ने हरेरा गुरुग्राम में अपनी शिकायत दी थी कि वर्ष 2014 में उन्होंने एमरल्ड प्लाजा प्रोजेक्ट में शॉप की बु¨कग कराई थी। अपनी कुल देनदारी का वह 80 फीसद राशि बिल्डर को दे चुकी है। जिसका कब्जा बिल्डर को नवंबर 2016 में देना था। मगर यह फरवरी, 2018 में दिया गया। कब्जा में देरी के साथ-साथ बिल्डर द्वारा जितनी एरिया को देने का वायदा समझौते के अंतर्गत किया गया था उतना एरिया मौके पर नहीं है। समझौते में यह एरिया 928.65 स्वायर फिट दिखाया गया था। मगर मौके पर यह 510 स्क्वायर फिट ही है। हरेरा द्वारा बिल्डर को आदेश दिया गया है कि वह मौजूदा एरिया का ही रेट अलॉटी से ले सकता है। बाकी की राशि को बकाया राशि में समायोजित किया जाए।

वहीं रहेरा द्वारा अपने निर्णय में यह स्पष्ट किया गया है कि बिल्डर या प्रमोटर यह नहीं समझें की उनका प्रोजेक्ट हरेरा में पंजीकृत नहीं है तो वह उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आएगा। उन्हें अपना पंजीकरण कराना ही होगा। इसका कोई विकल्प नहीं है। एम्मार एमजीएफ को हरेरा ने सिमी सिक्का मामले में चेताया भी है कि अगर उसके आदेश की पालना नहीं की गई तो तो उसके प्रोजेक्ट के कुल कॉस्ट का 10 फीसद जुर्माना उस पर लगाया जा सकता है।


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