ट्रक चालकों की पहचान में जुटा स्वास्थ्य विभाग
संवाद सहयोगी तावडू़ जिले के ट्रक चालकों की स्वास्थ्य विभाग ने पहचान शुरू कर दी है। जो चेहरे सामने आ चुके हैं उनको विभाग ने होम क्वारंटाइन करना शुरू कर दिया है। लेकिन कुछ जनप्रतिनिधि ऐसे हैं जिन्हें न तो अपने ही स्वास्थ्य की चिता है व अपने गांव के लोगों की।
संवाद सहयोगी, तावडू़ : कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम जिले के ट्रक चालकों की पहचान करने में जुटी है। जिनकी पहचान हो चुकी है उन्हें होम क्वारंटाइन करना शुरू कर दिया है। लेकिन कुछ जनप्रतिनिधि ऐसे भी हैं जिन्हें न तो अपने स्वास्थ्य की चिता है न गांव के लोगों की। तावडू़ के गांव चिलावली में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। गांव की आशा वर्कर सलमा को अपने क्षेत्र के ट्रक चालकों के नाम का खुलासा करना महंगा पड़ गया। स्वास्थ्य विभाग के साथ ही ट्रक चालकों की पहचान साझा करने नाराज चालकों को स्वजनों ने आशा वर्कर के साथ अभद्रता की। हालांकि आशा वर्कर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और जानकारी छिपाने वाले चालकों को चेतावनी दी कि वे सामने नहीं आए, तो उनके खिलाफ मामला दर्ज किए जाएंगे।
इसके बाद खुद से ही 15 चालक सामने आ गए। जिला महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. बिमलेश तिवारी व पीएचसी तावडू़ के मेडिकल ऑफिसर डॉ. देवेंद्र सोलंकी ने उनका कोरोना को लेकर केंद्र व विभागीय दिशा-निर्देशों के बारे में गहनता से समझाया। विभागीय अधिकारियों ने कहा कि ट्रक चालकों को 14 दिन तक होम क्वारंटाइन में रहना होगा। इस दौरान उन्हें परिवार के सदस्यों से शारीरिक दूरी बना कर रखनी होगी। इस दौरान किसी चालक को जुकाम, बुखार, खांसी, गले में संक्रमण ये लक्षण दिखे तो वह तुरंत विभाग को सूचित करे। जिसने भी निर्देशों का उल्लंघन किया उसके खिलाफ एपिडेमिक एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। लगे हाथ आशा वर्कर के साथ अभद्रता करने वालों को फटकार भी लगाई गई।
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कोट ::--
कुछ समय पूर्व तक विदेशों से यात्रा कर घर लौटने वाले या ट्रक चालक जिला प्रशासन से जानकारी न छिपाएं। स्वास्थ्य विभाग को इसकी पूरी जानकारी दें। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इस कार्य में विभागीय कर्मचारियों का सहयोग करें।
- डॉ. बिमलेश तिवारी, जिला महामारी रोग विशेषज्ञ, नूंह।
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जिले में 52 लोग होम क्वारंटइन में हैं। हालांकि यहां किसी में कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं। लोग डरें नहीं, बल्कि सतर्क रहें।
- डॉ. वीरेंद्र यादव, सीएमओ, नूंह।