इस तरह तो घनचक्कर बन जाएगा टीबी मरीज
जिला अस्पताल के लिए नई इमारत बनाई जानी है जिसके चलते यहां से स्वास्थ सेवाएं शिफ्ट की जा रही है। इसमें प्लानिग का अभाव है।
अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम
जिला नागरिक अस्पताल के लिए नई इमारत बनाई जानी है, जिसके चलते यहां से स्वास्थ सेवाएं शिफ्ट की जा रही हैं, लेकिन इसमें प्लानिग का अभाव दिख रहा है, जिससे मरीज घनचक्कर बन जाएगा। जिला अस्पताल से टीबी सेंटर सेक्टर-49 में शिफ्ट किया जा रहा है, जो पुराने शहर से करीब 8-10 किलोमीटर दूर पर है। यहां पर मरीजों को इलाज कराने पहुंचना आसान नहीं होगा। यहां वही मरीज पहुंच सकेगा, जिसके पास अपना वाहन हो। शहर के बीच में जिला अस्पताल पहुंचना हर किसी के लिए आसान था। ऐसे में पास में ही कहीं टीबी सेंटर शिफ्ट किया जाना चाहिए।
ओपीडी व पैथ लैब में 15 किलोमीटर की दूरी
टीबी का मरीज पहले सेक्टर-49 स्थित ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने जाएगा। इसके बाद मरीज को पैथ लैब की जांच लिखी जाएगी तो मरीज वहां से 15 किलोमीटर की दूरी तय कर सेक्टर-10 अस्पताल या सेक्टर-31 पॉलीक्लीनिक जाएगा। लैब जांच की रिपोर्ट लेकर मरीज वापस सेक्टर-49 डॉक्टर के पास पहुंचेगा। यह वह जगहें हैं जहां पर सार्वजनिक यातायात के साधन भी नहीं मिलेंगे।
सेक्टर-40 में है स्वास्थ्य विभाग की इमारत
सेक्टर-40 में स्वास्थ्य विभाग की अपनी इमारत है जिसमें टीबी सेंटर चलाया जा सकता है लेकिन बताया जा रहा है यह इमारत किसी गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) को बहुत सस्ते किराए पर दे रखी है। अगर सेक्टर-40 में टीबी सेंटर शिफ्ट किया जाता है तो उसी के पास सेक्टर-31 पॉलीक्लीनिक है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के पास पैथ लैब हैं और मरीज जांच कराने पैदल भी आ जा सकता है। अगर सेक्टर-10 में शिफ्ट किया जाए, तो मरीजों के लिए बेहतर हो सकता है। जगह नहीं होने कारण सेक्टर 49 में शिफ्ट किया जा रहा है। हमारी कोशिश थी कि नजदीक शिफ्ट की जा सके पर कई इमारत नहीं मिली।
डॉ. जसवंत सिंह पूनिया, सिविल सर्जन