दौ सौ से ज्यादा लोगों ने कराई स्वास्थ्य की जांच
बुधवार को विश्व सीओपीडी दिवस के मौके पर (क्रानिक आब्सट्रक्टिव लंग डिजीज)संबंधित बीमारियों को लेकर सेक्टर 56 स्थित डब्ल्यू प्रतीक्षा अस्पताल के श्वास रोग केंद्र की तरफ से मुफ्त फेफड़ों की जांच शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 200 से ज्यादा मरीजों ने अपनी जांच कराई। अस्पताल के रेस्पीरेटरी और स्लीप मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. हिमांशु गर्ग ने बताया कि डब्ल्यूएचओ के मुताबिक सीओपीडी विश्व में तीसरा ऐसा कारण है जिससे लोगों
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: बुधवार को विश्व सीओपीडी दिवस के मौके पर (क्रॉनिक आब्सट्रक्टिव लंग डिजीज)संबंधित बीमारियों को लेकर सेक्टर 56 स्थित डब्ल्यू प्रतीक्षा अस्पताल के श्वांस रोग केंद्र की तरफ से मुफ्त फेफड़ों की जांच शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 200 से ज्यादा मरीजों ने अपनी जांच कराई। अस्पताल के रेस्पीरेटरी और स्लीप मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. हिमांशु गर्ग ने बताया कि डब्ल्यूएचओ के मुताबिक सीओपीडी विश्व में तीसरा ऐसा कारण है जिससे लोगों की मौत हो रही है। अभीतक इस बीमारी को
धूमपान करने वाले फेफड़ों की बीमारी के रूप में जाना जाता था लेकिन अब वायु प्रदूषण के कारण हो रहा है। जो धूमपान नहीं कर रहे हैं और वो भी इस बीमारी से ग्रस्त हो रहे हैं। जांच शिविर में बच्चों से लेकर युवा भी बड़ी संख्या में पहुंचे थे और उन्हें प्रदूषण के कारण परेशानी हो रही है। डॉ. गर्ग ने कहा कि शहर में लगातार वायु प्रदूषण ज्यादा रहने से सांस लेने की परेशानी अब आमजन को होने लगी है। जहरीली हवा धीरे धीरे हमारे फेफड़े कमजोर करती है और इसके गंभीर नतीजे होते हैं। सर्दी के मौसम में सांस लेने की परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है और इसकी अनदेखी ना करे। लगातार वायु प्रदूषण की जगह रहने से हमारे फेफड़े कमजोर हो जाते हैं और इससे कई बीमारी होती है। कभी भी सांस लेने की तकलीफ को बढ़ती आयु का कारण समझ कर अनदेखी ना करे। डॉ. प्रतिभा डोगरा ने कहा कि सांस की बीमारियां प्रमुख ¨चता का विषय बन गया है।