इकलौते बेटे को किडनी दे मां ने दोबारा दिया जीवन
जैसे ही डॉक्टरों ने बताया कि 34 वर्षीय निशांत भारद्वाज की दोनो किडनी खराब हो चुकी है तो एक मां अपने बेटे को नया जीवन दिलाने के लिए जुट गई। 56 वर्षीय योगिता शर्मा ने बिना देर किए किडनी दान करने का फैसला किया।
अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम
जैसे ही डॉक्टरों ने बताया कि 34 वर्षीय निशांत भारद्वाज की दोनों किडनी खराब हो चुकी है, तो एक मां अपने बेटे को नया जीवन दिलाने के लिए जुट गई। 56 वर्षीय योगिता शर्मा ने बिना देर किए किडनी दान करने का फैसला किया। निशांत का कहना है कि डॉक्टरों की रिपोर्ट पर वह परेशान थे और सोच रहे थे कि अब सब कुछ समाप्त हो गया। लेकिन मां ने जीवन देने के लिए जो संघर्ष व साहस दिखाया है उससे दोबारा जीवन मिला है। मेरे लालन पोषण करने में मैंने बचपन में मां के त्याग व मेहनत को नहीं देखा लेकिन आज एहसास किया कि जब मां अपने बच्चों के लिए कितना बड़ा त्याग कर सकती हैं। आज उन्हें दर्द होगा लेकिन वह अपने दर्द की परवाह नहीं करतीं और हर पल मेरे ठीक होने का इंतजार करती हैं। मेरे दर्द के संबंध में बार बार मुझसे पूछती रहती हैं।
बुधवार 13 मार्च को मुझे अस्पताल से छुट्टी मिल गई और मैं नया जीवन लेकर घर जा रहा हूं जहां मेरी मां मेरा इंतजार कर रही हैं। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिला के गांव शामली के निशांत ने बताया कि वह आइटी इंजीनियर हैं और गुरुग्राम में एक कंपनी में काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह शुगर से ग्रस्त हैं और उनको पैर में चोट लगी थी और पैर की चोट ठीक करने के लिए दवा खा रहे थे, जिसके कारण उनकी दोनों किडनी खराब कब हो गईं, पता ही नहीं चला। जब डॉक्टरों ने बताया कि किडनी खराब हुई है तो मेरी मां ने किडनी देने की बात कही। निशांत ने कहा कि वह शादीशुदा है और मेरी मां हर हाल में मुझे स्वस्थ देखना चाहती थीं। मां ने ही फोर्टिस अस्पताल में संपर्क किया और जल्द किडनी ट्रांसप्लांट करने को कहा था। अब मैं खुश हूं कि मेरा बेटा स्वस्थ है। जब डॉक्टरों ने किडनी खराब होने की सूचना दी थी, तो वह पल बहुत दुख भरे थे लेकिन फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टरों ने इस दुख से जल्द राहत दिला दी। एक मां के लिए उसके बच्चे स्वस्थ रहे, इससे बड़ा कोई सुख नहीं है।
योगिता शर्मा, निशांत की मां