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जांच होगी कि प्राइवेट अस्पतालों में गंभीर बीमार ही मरीज भर्ती हैं : उपायुक्त

शुक्रवार को जिला उपायुक्त डा. यश गर्ग व सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव ने शहर के प्राइवेट अस्पतालों के प्रबंधन के साथ बैठक की। सख्त आदेश दिए गए हैं कि सभी अस्पताल सामान्य बेड व आइसीयू और वेंटिलेटर में बेड संख्या हर रोज सही बताए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 08:29 PM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 08:29 PM (IST)
जांच होगी कि प्राइवेट अस्पतालों में गंभीर 
बीमार ही मरीज भर्ती हैं : उपायुक्त
जांच होगी कि प्राइवेट अस्पतालों में गंभीर बीमार ही मरीज भर्ती हैं : उपायुक्त

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: शुक्रवार को जिला उपायुक्त डा. यश गर्ग व सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव ने शहर के प्राइवेट अस्पतालों के प्रबंधन के साथ बैठक की। सख्त आदेश दिए गए हैं कि सभी अस्पताल सामान्य बेड व आइसीयू और वेंटिलेटर में बेड संख्या हर रोज सही बताएं। उन्हीं मरीजों को भर्ती करें, जिन्हें इलाज की सख्त जरूरत है। अगर कोई मरीज गंभीर नहीं है और होम आइसोलेशन में इलाज ले सकता है तो उसे घर पर इलाज लेने की सलाह दे।

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इस मौके पर उपायुक्त ने कहा कि एक टीम बनाई जा रही है जो प्राइवेट अस्पतालों में जांच करेगी कि जो मरीज भर्ती किए हुए हैं क्या सच में वह गंभीर बीमार है। कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ऐसे निर्णय लिए गए हैं। वहीं डाक्टर विरेंद्र यादव ने कहा कि सभी प्राइवेट लैब संचालकों को बोला गया है कि जांच रिपोर्ट समय पर दें और मरीज का स्थायी पता सही लिखें।

प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों की रिपोर्ट:

प्राइवेट अस्पतालों क रिपोर्ट के अनुसार सामान्य बेड संख्या से लेकर आइसीयू व वेंटिलेटर संख्या की कोई कमी नहीं है। कोरोना मरीजों के लिए 2216 बेड संख्या और 495 आइसीयू बेड व 233 वेंटिलेटर बेड संख्या कोरोना मरीजों के लिए है। प्राइवेट अस्पतालों में इस समय 654 मरीजों का इलाज चल रहा है। इसमें 240 मरीज आइसीयू में भर्ती हैं और 72 मरीजों का इलाज वेंटिलेटर पर इलाज चल रहा है। जबकि गुरुग्राम में कोरोना मरीजों का 8980 इलाज चल रहा हैं और 8418 मरीज होम आइसोलेशन में इलाज ले रहे हैं।

वहीं स्वास्थ्य विभाग के पास अलग-अलग अस्पतालों में 176 सामान्य बेड हैं। स्वास्थ्य विभाग के पास आइसीूय व वेंटिलेटर सुविधा नहीं है। सेक्टर-10 अस्पताल में चार वेंटिलेटर सुविधा है लेकिन वह अन्य गंभीर बीमार मरीजों के लिए रखे गए हैं। सरकारी एंबुलेंस बेड़ा

स्वास्थ्य विभाग के पास 24 एंबुलेंस है। इसमें तीन एंबुलेंस कोरोना मरीजों के लिए लगाई गई है। जिसमें आक्सीजन सुविधा उपलब्ध है। सिविल सर्जन डाक्टर विरेंद्र यादव का कहना है कि हमारी उन सभी एंबुलेंस में आक्सीजन की सुविधा उपलब्ध है, जिनमें मरीजों को ले जाया जाता है। प्राइवेट अस्पताल में मरीज को भर्ती कराना मुश्किल:

बेशक कोरोना मरीजों के लिए बेड संख्या खाली बताई जा रही है लेकिन सच्चाई कुछ ओर है। प्राइवेट अस्पतालों में गंभीर मरीजों को भर्ती कराने के लिए जगह नहीं है। अगर गलती से स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से भर्ती कराने की कोशिश की तो मरीज का भर्ती होना ओर मुश्किल हो जाएगा।


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