खुले में रात गुजारने वालों को हाइपोथर्मिया का खतरा बरकरार
कड़ाके की सर्दी में खुले या झुग्गी में रात गुजारने वालों को हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ गया है। जिससे मौत होने का खतरा रहता है। डॉक्टरों का कहना है कि हाइपोथर्मिया का खतरा ज्यादा सर्दी के साथ बढ़ता है और जान ले सकता है। जिला स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार दस के करीब लोगों की इसी बीमारी के कारण मौत हो चुकी है। अभी रात को सर्द हवाए होती है और अब यूरोप देशों समेत भारत के पहाड़ी इलाके में बर्फ गिर रही है। जिससे माना जा रहा है कि मैदानी इलाके में सर्द हवाए चलेगी। जिला नागरिक अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. काजल कुमुद का कहना है कि ऐसे मरीज पहुंचते हैं कि सर्दी ज्यादा लगती है कंपन रहती है। इसके लिए धूप में बैठने और एक्सरसाइज करना बड़ा लाभ दायक है। लेकिन यह डॉक्टर को दिखाने से नहीं चुके। -------------- हाइपोथर्मिया यह हैं लक्षण :: जब मरीज इसकी चपेट में आता है, तो उसके शरीर में कंपन ज्यादा होती
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: कड़ाके की सर्दी में खुले या झुग्गी में रात गुजारने वालों को हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ गया है, जिससे मौत होने का खतरा रहता है। डॉक्टरों का कहना है कि हाइपोथर्मिया का खतरा ज्यादा सर्दी के साथ बढ़ता है, और जानलेवा हो सकता है। पंद्रह दिन के दौरान शहर में हाइपोथर्मिया के चलते दस लोगों की मौत भी हो चुकी है।
दिन में हवा धूप के चलते कम असरदार होती है, मगर रात में बर्फीली हो जाती है। देश के पहाड़ी इलाकों में बर्फ बारी से मैदानी इलाकों में ठंड का असर बढ़ रहा है। जिला नागरिक अस्पताल की वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. काजल कुमुद का कहना है कि ऐसे मरीज पहुंच रही हैं जिनको सर्दी ज्यादा लगती है व कंपकपी रहती है। इसके लिए धूप में बैठना और एक्सरसाइज करना बड़ा लाभदायक है। लेकिन मरीज डॉक्टर को दिखाने में चूक ना करें।
--
हाइपोथर्मिया के यह हैं लक्षण:
जब मरीज इसकी चपेट में आता है, तो उसके शरीर में कंपकपी ज्यादा होती है, और जब तक कंपन चलता है, तो शरीर में गर्मी बनी रहती है लेकिन शरीर थकने के बाद कंपन बंद हो जाता है और शरीर का तापमान गिरने लगता है। जैसे ही तापमान गिरता है, उसी समय हार्ट फेल हो जाता है। इसलिए शरीर के तापमान को सामान्य बनाए रखने के लिए उपाय करना चाहिए। डॉ. काजल कुमुद का यह भी कहना है कि शहर में ज्यादातर लोग धूप निकलने के बाद भी दिन में अंदर ही रहते हैं जबकि उन्हें धूप में ज्यादा से ज्यादा बैठना चाहिए। ऐसा खतरा बच्चों व बुजुर्ग लोगों पर ज्यादा होता है। खुले में रात गुजारने वालों को ज्यादा खतरा है।