खुले में रात गुजारने वालों के लिए ज्यादा प्रदूषण से खतरा
शहर में रात के समय प्रदूषण बारिश की तरह बरस रहा है। कुछ दिनों से भयानक रूप ले चुका वायु प्रदूषण सभी के लिए खतरा बना हुआ है
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: शहर में रात के समय प्रदूषण बारिश की तरह बरस रहा है। कुछ दिनों से भयानक रूप ले चुका वायु प्रदूषण सभी के लिए खतरा बना हुआ है लेकिन सबसे ज्यादा खतरा खुले में फुटपाथ पर सोने वाले लोगों के लिए है। डाक्टरों का कहना है कि रात के समय वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है और फुटपाथ पर सोने वालों के लिए यह मौत बनकर बरस रहा है। हालांकि, शहर में अभी कोई ऐसी मौत नहीं हुई है लेकिन डाक्टरों का कहना है कि अगर प्रदूषण इस तरह हवा में बना रहा कई बीमारियों में इजाफा हो जाएगा।
वरिष्ठ फिजिशियन डा. नवीन कुमार का कहना है कि अस्पताल में ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं जो खुले में रात गुजारते हैं। उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है तो छाती में दर्द की शिकायत रहती है। डाक्टर ने कहा खुले में रहने वाले को अगर दमा की शिकायत है तो खुले में रात ना गुजारे। वहीं शिशु रोग विशेषज्ञ डाक्टर एमपी शर्मा ने कहा कि इस मौसम में बच्चों को खुले में रखना खतरे से खाली नहीं है। अगर नवजात शिशु है तो उसके लिए तो सबसे ज्यादा खतरा है। फुटपाथ पर रहने वालों का खुले आसमान में कड़ाके की सर्दी से ज्यादा इस प्रदूषित रात में रहना खतरनाक है। क्योंकि बच्चों को सांस लेने में परेशानी होती है और ऐसे में ज्यादा दम घुट सकता है। इस प्रदूषण में बचने के लिए अपनी किसी भी तरह से कम से कम कपड़े की छत का इंतजाम करना चाहिए जिससे बचाव हो सके।