आनलॉक एक के मुकाबले दो में संक्रमित व मौत हुई कम, स्वस्थ हुए अधिक
गुरुग्राम में कोरोना वॉयरस का प्रकोप कम हो रहा है। अनलॉक -2 में प्रथम के मुकाबले मरीजों की संख्या और मौत का आंकड़ा कम रहने के साथ स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या अधिक रही। जुलाई माह में 3642 कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के साथ 4306 मरीज स्वस्थ हुए तो 30 मरीजों की मौत हुई। वहीं अनलॉक- 1 में मरीजों की संख्या व मौत संख्या अधिक रही थी। इस दौर में 5157 मरीज मिले और 3
अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम
गुरुग्राम में कोरोना वॉयरस का प्रकोप कम हो रहा है। अनलॉक -2 में प्रथम के मुकाबले मरीजों की संख्या और मौत का आंकड़ा कम रहने के साथ स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या अधिक रही। जुलाई में 3720 कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के साथ 4306 मरीज स्वस्थ हुए, तो 30 मरीजों की मौत हुई। वहीं अनलॉक-1 में मरीजों की संख्या व मौत संख्या अधिक रही थी। इस दौर में 5157 मरीज मिले और 3894 स्वस्थ हुए। जबकि 92 लोगों की मौत हुई थी।
दरअसल गुरुग्राम में 31 जुलाई तक कोरोना मरीजों की संख्या 9067 हो चुकी है, जिसमें 7983 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
गुरुग्राम में 14 मार्च को पहला कोरोना का मरीज मिला था और 24 मार्च से 14 मई तक लॉकडाउन रहा था। इस दौरान कोरोना के 190 मरीज मिले थे, जिसमें 67 मरीज स्वस्थ हुए।
गुरुग्राम समेत देशभर में 15 मई को लॉकडाउन समाप्त होने के बाद मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ। 15 मई से 30 जून तक अनलॉक-1 के डेढ़ माह के समय में कोरोना के 5157 मरीज मिले और इनमें 3894 स्वस्थ हुए।
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लॉकडाउन में मिले मरीज
24 मार्च से 14 मई तक :
कोरोना मरीजों की संख्या 190
स्वस्थ हुए : 67
मौत-- 1
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अनलॉक-1
15 से 31 मई तक :
कोरोना के मरीज : 605
स्वस्थ हुए : 217
मौत : 02 1 से 30 जून तक :
कोरोना के मरीज : 4552
स्वस्थ हुए : 3677
मौत : 90
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1 से 31 जुलाई :
अनलॉक - 2
कोरोना के मरीज : 3720
स्वस्थ हुए : 4306
मौत : 30
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गुरुग्राम में 31 जुलाई तक कुल मरीज :
कुल मरीज : 9067
स्वस्थ हुए : 7983
सक्रिय मरीज : 961
मौत : 123
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अनलॉक- 2 में हमनें चार हजार से ज्यादा कोरोना जांच शिविर लगाए हैं और कोरोना संक्रमित मरीजों की तलाश की। 71 हजार से ज्यादा लोगों की जांच जुलाई में की है और अभी तक एक लाख से ज्यादा लोगों की जांच कर चुके हैं, जो प्रदेश व एनसीआर में सबसे ज्यादा जांच करने वाला शहर है। हमारा लक्ष्य मरीजों की संख्या और मौत संख्या कम करना है जिसमें कामयाब हो रहे हैं। मेरी अपील है जिसे संदेह है वह अपनी जांच जरूर कराए।
डॉक्टर विरेंद्र यादव, सिविल सर्जन