अधिक लोगों की जांच कर कम किया कोरोना का प्रकोप : डॉ. विरेंद्र
प्रदेश में सबसे ज्यादा कोरोना मरीजों की संख्या गुरुग्राम में है। यहां कोरोना मरीजों का मिलना जारी है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अब मरीजों के मिलने को लेकर ज्यादा चितित नहीं है।
प्रदेश में सबसे ज्यादा कोरोना मरीजों की संख्या गुरुग्राम में है और मरीजों का मिलना अभी भी जारी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मरीजों के मिलने को लेकर ज्यादा चितित नहीं हैं। अधिकारियों का कहना है लोगों को सावधानी बरतने की सख्त जरूरत है। वहीं दावा है कि अधिक लोगों की जांच करने से कोरोना प्रकोप कम हुआ है, क्योंकि कोरोना ग्रस्त मरीज को दूसरों में फैलाने का मौका नहीं दिया। अब विभाग के अधिकारी कोरोना से होने वाली मृत्यु की दर को कम किया जाएगा। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा मरीजों की जांच की जा रही है। सोहना में लॉकडाउन लगाने के कारणों से लेकर अन्य तमाम मुद्दों को लेकर सिविल सर्जन डॉ. विरेंद्र यादव से दैनिक जागरण के अनिल भारद्वाज की खास बातचीत के मुख्य अंश :
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. आप कहते हैं मरीजों की संख्या बढ़ने से घबराएं नहीं, जबकि कोरोना फैल रहा है। क्या यह चिता का विषय नहीं है?
- हम प्रति दस लाख लोगों पर साढ़े 34 हजार से ज्यादा लोगों की जांच कर रहे हैं। मैं ना घबराने के लिए इस लिए कह रहा हूं कि पहले मरीज मिलते थे और अब हम मरीजों को तलाश कर रहे हैं। यानि कोरोना का प्रकोप कम हुआ है। पहले 400 लोगों की जांच होती थी तो 200 से ज्यादा मरीज मिलते थे अब ढ़ाई से तीन हजार लोगों की जांच की रही है और 100 के करीब मरीज मिलते हैं। इस आंकड़े को देखने के बाद आपको नहीं लगता है कि कोरोना का प्रकोप कम हो रहा है? इसके लिए हमने कोरोना जांच अस्पताल तक सीमित नहीं रखी। अस्पताल के बाहर कोरोना जांच शिविर लगना शुरू किए, तो मरीजों की तेजी से पहचान हुई। इससे कोरोना फैलना कम हुआ। . गुरुग्राम में मृत्यु संख्या बढ़ रही है, क्या कारण है इसका?
- देखिए, गुरुग्राम में मरीजों के स्वस्थ होने का प्रतिशत दर 85 है और मृत्यु का प्रतिशत दर 1.5 है। हमारा लक्ष्य मृत्यु दर को कम करना है। इसके लिए हमारा लक्ष्य है कि जिन मरीजों में कोरोना वायरस के कम लक्षण हैं वह भी इलाज लें। इसीलिए हम जगह-जगह कोरोना जांच शिविर लगा रहे हैं। बुजुर्ग लोगों को कोरोना ग्रस्त होने से बचाना होगा। . मृत्युदर को कम कैसे किया जा सकता है? इसके लिए कोई प्लान किया है?
- देखिए मैंने 10 जून को गुरुग्राम में सिविल सर्जन का पदभार संभाला था। उसी समय लक्ष्य बना लिया था कि कोरोना वायरस से ग्रस्त लोगों की तलाश की जाए, उनकी जांच की जाए और उन्हें होम आइसोलेशन में रखा जाए, ताकि दूसरे लोग संक्रमित ना हों। इसके लिए हमने ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच करना शुरू किया और कोरोना जांच शिविर लगाए हैं। इससे दो फायदे होंगे। पहला, जिस मरीज में कोरोना वायरस है, वह दूसरों को संक्रमित नहीं कर पाएगा और मरीज का समय पर इलाज होगा। करीब साढ़े तीन माह, यानि मार्च से 12 जून तक 18,891 लोगों की कोरोना जांच हुई थी और आज हम 18 जुलाई तक 77,282 लोगों की जांच कर चुके हैं। यानि 36 दिनों में हम 58,391 लोगों की जांच कर चुके हैं। 12 जून तक मरीजों की संख्या 1940 थी और आज मरीजों की संख्या 7594 है। यानि 36 दिनों में 5654 मरीज मिले हैं। इसमें ज्यादातर वह मरीज हैं, जिनकी हमने तलाश की है यानि कोरोना जांच शिविर लगाकर मरीजों को तलाशा है। यह जांच तेज करने का लाभ है। जब हम कोरोना एक से दूसरे में जाने से रोक लेंगे, तो वायरस खत्म हो जाएगा। . ऐसा क्या है कि सोहना में लॉकडाउन लगाना जरूरी है और गुरुग्राम शहर में लॉकडाउन लगाना जरूरी नहीं?
- सोहना में एक इलाका है, जहां 100 के करीब मरीज हैं और वहां बढ़ने का खतरा है। यही कारण है कि हमने वहां लॉकडाउन लगाने की मांग की थी। गुरुग्राम शहर में मरीज हैं लेकिन ऐसा कोई स्थान नहीं है जहां पर एक साथ इतने मरीज हों। जहां पर कुछ मरीज हैं वहां पर हम गली बंद कर रहे हैं। मेरी लोगों से अपील है कि वह घर से बाहर निकलते समय मास्क लगाने का विशेष ध्यान रखें। . क्या कोरोना जांच शिविर अभी जारी रखे जाएंगे?
- कोरोना जांच शिविर अभी जारी हैं और ऐसे स्थानों पर जारी रखे जाएंगे, जहां पर मरीज मिल रहे हैं। मेरी लोगों से अपील है कि
कोई भी व्यक्ति अपने इलाके को छोड़ कर दूसरी जगह लगने वाले जांच शिविर में ना जाए। अगर ऐसे में वह कोरोना ग्रस्त हुआ, तो वहां पर दूसरों के लिए खतरा पैदा करेगा और अगर वह कोरोना ग्रस्त नहीं है तो स्वयं को खतरा रहेगा। इसलिए दूसरे इलाके में जाकर जांच कराने की बजाए अपने इलाके की यूपीएचसी में जांच करा ले। हम लगभग सभी जगह कोरोना जांच शिविर लगाएंगे। . कोरोना बीमारी के साथ अब बारिश में डेंगू- मलेरिया का खतरा बढ़ रहा है। कैसे पार पाया जाएगा?
- सेक्टर दस जिला अस्पताल में अलग से डेंगू वार्ड बनाया जा रहा है। सेक्टर दस अस्पताल में कोरोना मरीजों के सैंपल लिए जाते हैं और हमने ऐसे इंतजाम किए है कि सैंपल देने वाला मरीज अस्पताल की इमारत के अंदर ना आए। इससे अब अन्य बीमारी के मरीज को कोरोना का खतरा नहीं रहेगा। डेंगू मरीज के लिए प्लेटलेट्स की सुविधा अस्पताल में है और किट खरीद ली गई है। अभी कोई मरीज नहीं मिला है। घरों की जांच की जा रही है और नोटिस भी दिए जा रहे हैं। . होम आइसोलेशन में ज्यादा मरीज हैं क्या कारण है?
- मैं यहां लोगों से कहना चाहता हूं कि जिन मरीज की आयु 60-65 वर्ष है और वे कोरोना के अलावा अन्य बीमारी से ग्रस्त हैं, तो वह होम आइसोलेशन में ना रहें। ऐसे मरीज को अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है, क्योंकि उस मरीज के लिए ज्यादा खतरा है। 60 वर्ष से कम आयु वाले मरीज को कोरोना के अलावा कोई बीमारी नहीं है तो वह होम आइसोलेशन में रहे। जहां तक होम आइसोलेशन में रहने की बात है तो लोग अस्पताल से ज्यादा होम आइसोलेशन में रहना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। क्योंकि हमारे डॉक्टर्स की टीम मरीज के लगातार संपर्क में रहती है। . कुछ अस्पतालों में ज्यादा बिल लेने की शिकायत है। क्या किसी पर कार्रवाई की है?
- हमारे पास शिकायत आएगी, तो जरूर संज्ञान लिया जाएगा। पिछले माह सरकार ने कोरोना इलाज के लिए कुछ रेट तय किए थे, उनके हिसाब से हम जांच करेंगे। अगर कोई अस्पताल ऐसा मिलता है जहां कोरोना मरीज से ज्यादा पैसे लिए गए हैं तो उसपर कार्रवाई की जाएगी। हमने एक टीम निजी अस्पतालों पर लगाई हुई है, जो कोरोना मरीजों के लिए काम कर रही है। मरीजों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए सब निगरानी रखी जा रही है। परिचय
नाम : डॉ. विरेंद्र यादव
जन्म स्थान : गांव बीरण, जिला भिवानी
शिक्षा : एमबीबीएस रोहतक मेडिकल कॉलेज 1993
एमडी : रोहतक मेडिकल कॉलेज 2003
विशेषज्ञ : मेडिसिन
डीएम, कार्डियो : 2008
नियुक्ति : हरियाणा मेडिकल सर्विस 1995
सिविल सर्जन पद पर नियुक्ति : चरखी दादरी, करनाल, नूंह, गुरुग्राम