प्रदूषण ने सांस के मरीजों को किया परेशान
दीपावली की रात वायु प्रदूषण ज्यादा होने के साथ दमा मरीजों की संख्या बढ़ना शुरू हो जाती है। जिला नागरिक अस्पताल वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर नवीन कुमार ने कहा कि दिपावली की रात करीब 50 के मरीज ऐसे आए हैं जिन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी। यह सब ज्यादा वायु प्रदूषण होने के कारण हुआ है। लोगों को भाप देने के साथ दवा देकर घर भेज दिया गया। इमरजेंसी वॉर्ड में ऐसे प्रबंध किए गए थे ताकि कोई मरीज आए, तो उसे राहत दी जा सके। डॉक्टर ने जबतक प्रदूषण ज्यादा रहेगा, दमा के मरीजों के
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: दीपावली की रात वायु प्रदूषण ज्यादा होने के साथ दमा मरीजों की संख्या बढ़ना शुरू हो जाती है। जिला नागरिक अस्पताल वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. नवीन कुमार ने कहा कि दीपावली की रात करीब 50 मरीज ऐसे आए, जिन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी। यह सब ज्यादा वायु प्रदूषण से हुआ है। लोगों को भाप देने के साथ दवा देकर घर भेज दिया गया। इमरजेंसी वार्ड में ऐसे प्रबंध किए गए थे ताकि कोई मरीज आए, तो उसे राहत दी जा सके।
डॉक्टर ने कहा कि जबतक प्रदूषण ज्यादा रहेगा, दमा के मरीजों के लिए वायु प्रदूषण जहर के बराबर बना रहेगा। ऐसे व्यक्ति के लिए प्रदूषण से बचाव ही एकमात्र इलाज है। प्रदूषण के कारण मरीज को सांस लेने में परेशानी होने लगती है। दम घुटना, सांस लेते समय आवाज होना, सांस फूलना, छाती में कुछ जमा होना व भरा हुआ महसूस होना, बहुत खांसने पर चिकना कफ आना इसके लक्षण हैं। बचाव:
- प्रदूषण की जगह जाने से बचें।
- अपनी दवा साथ रखें।
- अगर परेशानी महसूस करें तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
- अपने मुंह पर मास्क या कपड़ा बांधकर रखें।
बर्न वार्ड:
सर्जन डॉ. संजय नरूला ने बताया कि बर्न का कोई गंभीर मामला नहीं आया। 4 मामले आए थे और नॉर्मल थे सभी को दवा देकर घर भेज दिया था। चारों मरीज पटाखे जलाने में घायल हो गए थे। दो मरीज आंखों में जलन होने के कारण आए थे और दोनो को दिल्ली हायर सेंटर भेजा गया था।