हेलो जागरण: जहरीली हवा धीरे-धीरे बना देती है दमे का रोगी
शहर में लगातार वायु प्रदूषण ज्यादा रहने से सांस लेने की परेशानी अब आम हो चली है। डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषण के कारण सांस लेने में परेशानी और लगातार खांसी की समस्या की अनदेखी करना गंभीर बीमारी को जन्म देना है। लगातार वायु प्रदूषण ज्यादा रहने के कारण धीरे धीरे हमारे लंग्स कमजोर होने लगते हैं। सर्दी के मौसम में सांस लेने की पेरशानी ज्यादा बढ़ जाती है और इसकी अनदेखी ना करे। लगातार वायु प्रदूषण की जगह रहने से हमारे लंग्स कमजोर हो जाते हैं और इससे कई बीमारी होती है। कभी भी सांस लेने की तकलीफ को बढ़ती आयु का कारण समझ कर अनेदखी ना करे। विश्व सीओपीडी दिवस (क्रानिक आब्सट्रक्टिव लंग डिजीज) के मौके पर बृहस्पतिवार को गुरुग्राम के दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित हेलो जागरण कार्यक्रम में डब्ल्यू प्रतीक्षा अस्पताल के रेस्पीरेटरी और स्लीप मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. हिमांशु गर्ग ने फोन पर लोगों को जहरीली हवा में सांस की बीमारी के संबंध में सलाह दी। -----------
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: शहर में लगातार वायु प्रदूषण ज्यादा रहने से सांस लेने की परेशानी अब आमजन को होने लगी है। डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषण के कारण सांस लेने में परेशानी और लगातार खांसी की समस्या की अनदेखी करना गंभीर बीमारी को बढ़ाना है। जहरीली हवा धीरे धीरे हमारे फेफड़े कमजोर करती है और इसके गंभीर नतीजे होते हैं। सर्दी के मौसम में सांस लेने की परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है। लगातार वायु प्रदूषण की जगह रहने से हमारे फेफड़े कमजोर हो जाते हैं और इससे कई बीमारी होती है। कभी भी सांस लेने की तकलीफ को बढ़ती आयु का कारण समझ कर अनदेखी ना करे।
विश्व सीओपीडी दिवस (क्रानिक आब्सट्रक्टिव लंग डिजीज) के मौके पर बृहस्पतिवार को गुरुग्राम के दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित हेलो जागरण कार्यक्रम में डब्ल्यू प्रतीक्षा अस्पताल के रेस्पीरेटरी और स्लीप मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. हिमांशु गर्ग ने फोन पर लोगों को जहरीली हवा में सांस की बीमारी के संबंध में सलाह दी। डॉक्टर साहब मेरा नाम कृष्ण है और आयु 23 वर्ष। सुबह दौड़ लगाते समय पहले कभी सांस नहीं फूलता था, लेकिन अब कुछ दूरी पर दौड़ते ही सांस फूल जाती है।
-यह वायु प्रदूषण का असर है। आप को कोई बीमारी नहीं है। क्योंकि आपको अभी हाल में परेशानी शुरू हुई है। इसके के दो समाधान है। सुबह दौड़ते समय मॉक्स का प्रयोग करे या फिर धूप निकलने के बाद दौड़ लगाए। अगर आप अनदेखी करेंगे, तो लंबे समय के बाद आपकी समस्या सांस की बीमारी में तब्दील हो जाएगी। -मेरा नाम मीनाक्षी है ओर मेरे चार वर्षीय बेटा है जिसे शाम को सांस लेने में परेशानी होती है।
-आप उसे परेशानी होने पर दवा देते हैं। आप उसे इनहेलर देते रहे और इससे खतरा ना माने। अगर हम पहले ही सावधानी रखेंगे, तो उसे परेशानी नहीं होगी। कोशिश करे, प्रदूषण वाली जगह जाने से बचे। क्योंकि कुछ बच्चों में ऐसी शिकायत रहती है उन्हें प्रदूषण से एलर्जी होती है और उन्हें जल्द सांस लेने जैसी समस्या शुरू होती है। मेरा नाम खुशीराम है और 71 वर्ष आयु है। सांस लेने में परेशानी होती है।
-अगर आपको सांस लेने में परेशानी है और अभी शुरू हुई है तो यह वायु प्रदूषण के कारण हो रहा है और इसका बचाव करे। अगर आपको साथ में खांसी आ रही है तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराए। क्योंकि फिर आपकी बीमारी गंभीर हो सकती है। कोशिश करे आपे कही पर जाए, तो धूप निकलने के बाद घर से निकले। दमा मरीज के लिए स्वस्थ रहने के लिए कुछ एक्सरसाइज होती हैं और उसके करने से मरीज को आराम मिलता है। इसलिए किसी लंग्स फिजियो थेरेपिस्ट से मिले और वो एक्सरसाइज को समझा देगे। -मेरा नाम विकास है और आयु 22 वर्ष है। डॉ. साहब, प्रदूषण के कारण अगर एक्सरसाइज करते समय सांस फूल रहा है तो क्या एक्सरसाइज छोड़ देना चाहिए। -एक्सरसाइज बंद करना समाधान नहीं है। यह बच्चों व बुजुर्ग लोगों के लिए कहा जाता है और उन्हें ही कहा जाता है जिन्हें ज्यादा परेशानी है। आप दमा मरीज भी नहीं है। इसलिए एक्सरसाइज जारी रखे। हां, एक्सरसाइज कुछ दिन कुछ हल्की कर सकते हैं और दौड़ते समय मॉक्स पहनकर रखे। मेरा नाम विक्रांत है। मेरे दादा को सांस की पेरशानी होती है। मैं जानना चाहता हूं, क्या योग करने से सांस की बीमारी समाप्त होती है।
- योग कई अलग-अलग होते हैं और योग करना कोई नुकसानदायक नहीं है। दमा मरीज के लिए योग करना लाभदायक है, लेकिन इसमें देखने की बात खास यह है कि योग सही तरीके से हो। अगर कोई बुजुर्ग योग करता है तो उसके लंग्स को फायदा मिलता है और उसे सांस लेने में भी आराम मिलता है। -डॉक्टर साहब, मेरा 9-10 माह का बेटा है। शहर में वायु प्रदूषण ज्यादा है और लगातार बना हुआ है। क्या उसे पार्क में घुमाने ले जाना सही है या नहीं।
अगर ज्यादा प्रदूषण है तो उस दिन ना लेजाए। लेकर जाए, तो धूप निकलने के बाद लेकर जाए। अगर बच्चे को कोई परेशानी हो रही है तो अनदेखी ना करे।