जनता के लिए हमेशा रहेंगे बलबीर सिंह सीनियर
किसी खिलाड़ी की महानता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके प्रति लोगों के दिलों में कितना प्यार और सम्मान है।
अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम
किसी खिलाड़ी की महानता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके प्रति लोगों के दिलों में कितना प्यार और सम्मान है। हॉकी के दो दिग्गज भले ही आज हमारे बीच नहीं है, मगर वह खिलाड़ियों के लिए हमेशा प्रेरणास्त्रोत बने रहेंगे। यह दोनों खिलाड़ी हैं मेजर ध्यानचंद और बलबीर सिंह सीनियर। जनता की नजर में यह दोनों खेल हस्ती भारत रत्न हैं। यह कहना है कि पूर्व ओलंपियन एवं भारतीय महिला हॉकी टीम के पूर्व प्रशिक्षक एमके कौशिक का।
इनका कहना है कि मेजर ध्यान चंद और बलबीर सिंह सीनियर सदियों तक लोगों के दिलों में अमर रहेंगे। कौशिक ने कहा कि बलबीर सिंह सीनियर का हॉकी के प्रति लगाव इतना था कि जब उन्हें पता चलता था कि भारतीय टीम यहां आई हुई है तो वह वहां पहुंच जाते थे। खिलाड़ियों के बीच जाकर मैच जीतने को उन्हें प्रोत्साहित करते थे। ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता टीम के सदस्य रह चुके एमके कौशिक बताते हैं कि जब वह भारतीय महिला टीम को लेकर विदेश में सीरीज खेलने जाते थे तो इसकी जानकारी मिलने के बाद बलबीर सिंह वहां पहुंच जाते थे और टीम को प्रोत्साहित करते थे। यही नहीं जब मैं खेलता था तो उनसे कई बार ग्राउंड में उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला।
कौशिक ने कहा कि वह ऐसे इंसान थे कि जब खिलाड़ी को खेलते देखते और उनके खेल में सुधार करने के लिए स्वयं ही ग्राउंड में उतर जाते थे। उन्होंने हमेशा भारतीय हॉकी को आगे बढ़ाने का काम किया है। इसके लिए वह किसी के आमंत्रण का इंतजार नहीं करते थे। बल्कि ग्राउंड पर खेल रहे खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखकर वह उनका चुनाव करते थे। और इसका देश की टीम को सदैव लाभ मिला। मैंने अपने जीवन में ऐसे खेल महारथी बहुत कम देखे हैं जो सदा खिलाड़ियों के जमीनी प्रदर्शन के आधार पर उन्हें वरीयता देते हैं।