कोरोनाकाल में सैनिटाइजर व मास्क की मांग बढ़ी
कोरोना महामारी में सैनिटाइजर व मास्क की बिक्री खूब हो रही है। केमिस्ट एसोसिएशन अध्यक्ष शरद मल्होत्रा का कहना है कि कोरोना महामारी से पहले मास्क व सैनिटाइजर की खपत बहुत कम थी लेकिन अब आम आदमी भी प्रयोग कर रहा है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: कोरोना महामारी के चलते सैनिटाइजर व मास्क की बिक्री काफी ज्यादा हो रही है। पहले मास्क व सैनिटाइजर की खपत बहुत कम थी लेकिन अब आम आदमी भी इनका प्रयोग कर रहा है। पहले जहां कुछ बड़े ऑफिस या मेडिकल प्रोफेशनल सैनिटाइजर का प्रयोग करते थे, अब हर आम व खास शख्स इस्तेमाल कर रहा है। पहले किसी मेडिकल स्टोर से रोजाना एक-दो सैनिटाइजर बिकते थे तो वहीं अब 30 से 40 बिक रहे है। सैनिटाइजर की बिक्री मेडिकल स्टोर के अलावा अन्य दुकानों पर भी हो रही है, जो गैरकानूनी है।
शहर में जब प्रदूषण ज्यादा रहता था तब मास्क की बिक्री बढ़ जाती थी, मगर फिर भी बहुत ज्यादा नहीं थी। लेकिन कोरोना महामारी के कारण बिक्री बेहिसाब बढ़ गई। हालांकि इसकी बिक्री के आधिकारिक आंकड़े नहीं हैं। इस समय कई लोग स्वयं भी सैनिटाइजर बनाकर बेचने लगे हैं। पहले आपको मास्क मेडिकल स्टोर से मिलते थे लेकिन अब आपको यह जनरल स्टोर पर भी मिल जाएंगे।
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पहले अगर दिन में सौ रुपये की दवा बिकती थी तो अब 20 रुपये की बिक रही है। इसका कारण कोरोना महामारी है। लोग स्वयं दवा लेकर नहीं खा रहे और ना डॉक्टर के पास जा रहे हैं। घर से कोई निकल नहीं रहा। ज्यादा बीमार होने पर ही घर से निकल रहे हैं। खांसी, जुकाम, बुखार की दवा हम बिना डॉक्टर के परचे के नहीं देते।
शरद मल्होत्रा, अध्यक्ष केमिस्ट एसोसिएशन कोरोना महामारी में मास्क व सैनिटाइजर की बिक्री बहुत ज्यादा बढ़ी है। इस समय दवाओं से ज्यादा इनकी बिक्री है। अगर आप हमारी बात करेंगे, तो हमने एक माह में करीब 7 हजार बोतल सैनिटाइजर और 2 लाख के करीब मास्क सप्लाई किए हैं। अगर गुरुग्राम में एक माह के अंदर खपत की बात की जाए, तो 15 लाख के करीब मास्क और 1 लाख बोतल के करीब सैनिटाइजर बेचे गए हैं।
जितेंद्र गोयल, अनिल फार्मा (होल सेलर)