डॉक्टरों ने कहा किडनी दान करने वाला भी रहेगा स्वस्थ
देश में किडनी संबंधित बीमारी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हर वर्ष मार्च माह के द्वितीय बृहस्पतिवार को विश्व किडनी दिवस मनाया जाता है। डॉक्टरों के अनुसार भारत में हर वर्ष दो लाख से ज्यादा लोगों को किडनी प्रत्यारोपण की जरुरत होती है ओर इसमें कुछ ही हजार लोगों को किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा मिल पाती है। डॉक्टरों का कहना है कि आंकड़े तभी बदले जा सकते हैं जब लोगों में दूसरे को जीवन देने की सोच और बेहतर होगी। लोगों को भी अपनी सेहत का ख्याल रखना होगा क्योंकि मोटापा व अन्य कई वजह हैं जिससे किडनी फेल होती हैं। दैनिक जागरण ने विश्व किडनी दिवस के मौके पर कई डॉक्टरों से बात की तो उनका कहना है कि भारत में अपनों को भी किडनी देने में हिचकते है जबकि किडनी के बाद किडनी दान करने वाले व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं होता है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : देश में किडनी संबंधित बीमारी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हर वर्ष मार्च माह के द्वितीय बृहस्पतिवार को विश्व किडनी दिवस मनाया जाता है। डॉक्टरों के अनुसार भारत में हर वर्ष दो लाख से ज्यादा लोगों को किडनी प्रत्यारोपण की जरुरत होती है और इसमें कुछ ही हजार लोगों को किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा मिल पाती है। डॉक्टरों का कहना है कि आंकड़े तभी बदले जा सकते हैं जब लोगों में दूसरे को जीवन देने की सोच और बेहतर होगी। लोगों को भी अपनी सेहत का ख्याल रखना होगा क्योंकि मोटापा व अन्य कई वजह हैं जिससे किडनी फेल होती हैं। दैनिक जागरण ने विश्व किडनी दिवस के मौके पर कई डॉक्टरों से बात की तो उनका कहना है कि भारत में अपनों को भी किडनी देने में हिचकते है जबकि किडनी के बाद किडनी दान करने वाले व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं होता है। भारत में अध्ययनों से यह बात सामने आई है कि 2-3 फीसदी भारतीयों में स्टेज 3 पर किडनी की बीमारी से ग्रस्त है। स्टेज 5 सर्वोच्च स्तर है जब मरीज को डायलिसिस या किडनी प्रत्यारोपण की जरूरत होती है। इस तरह पूरे भारत में करीब 2.5 करोड़ लोग किडनी के मरीज है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा दान करने की जरुरत है। अगर लोग अपनों को ही किडनी देना शुरू कर दें, तो इस समस्या से निपटा जा सकता है और किडनी देने वाला भी स्वस्थ रहेगा।
डॉ. संजय नरुला, सर्जन किडनी फेल होने के मामलें में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। एक रिकॉर्ड के अनुसार एक मिलियन लोग के मुकाबले 800 लोग क्रोनिक किडनी डिजीज से प्रभावित है। हर साल लगभग 1 लाख 75 हजार नए रोगियों को डायलिसिस किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता होती है। उचित स्वास्थ सुविधाओं की मदद से इस बीमारी का निवारण किया जा सकता है और समय से पहले इसका इलाज संभव है।
यदि आपका पारिवारिक इतिहास किडनी के कैंसर का रहा है, तो आपको अधिक वजन, पथरी और हाई ब्लड शुगर से बचना चाहिए।
किडनी फेल होने पर मरीज को हार्ट अटैक आना या पैरालाइज होने का ज्यादा खतरा है।
डॉ. नवीन कुमार, वरिष्ठ फिजीशियन किसी भी दवा को डॉक्टर के बिना सलाह के लेना आपके लिए घातक हो सकता है। कई बार किडनी व अन्य दर्द खत्म करने के लिए दर्द निवारक दवा का सेवन करते हैं। ऐसे में वही दवा किडनी फेल में बड़ा कारण होती है। अगर व्यक्ति एल्कोहल, तंबाकू और फॉस्फोरिक एसिड, सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन ज्यादा कर रहा है किडनी के सब से ज्यादा नुकसानदेह हैं। इससे बचना चाहिए।
डॉ. काजल कुमुद, वरिष्ठ फिजीशियन किडनी एक तरह से सफाई कर्मचारी है। किडनी रक्त को साफ करने का काम करती है। शरीर में गंदे मल को मल-मूत्र के माध्यम से शरीर के बाहर निकालकर हमारी प्रणाली को सुरक्षित और साफ बनाती है। सफाई करने के अलावा हमारी किडनी शरीर में जल, नमक और अम्ल-आधार संतुलन बनाए रखने में मददगार हैं। ये हमारी हड्डियों को सेहतमंद बनाती है और हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखती है।
डॉ. एसपी भनोट, सर्जन