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एचएसवीपी सेक्टरों में चौथे फ्लोर की रजिस्ट्री खोलने को लेकर सौंपा ज्ञापन

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By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 06:22 PM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 06:22 PM (IST)
एचएसवीपी सेक्टरों में चौथे फ्लोर की रजिस्ट्री खोलने को लेकर सौंपा ज्ञापन
एचएसवीपी सेक्टरों में चौथे फ्लोर की रजिस्ट्री खोलने को लेकर सौंपा ज्ञापन

संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम: नवंबर 2018 में चौथे फ्लोर का अलग से रजिस्ट्री की मंजूरी का नोटिफिकेशन करने के तीन महीने बाद भी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के सेक्टरों में लोग चौथे फ्लोर की अलग से रजिस्ट्री कराने के लिए धक्के खा रहे हैं। विभाग की तरफ से अभी भी अनुमति नहीं दी जा रही है। शुक्रवार को सेक्टरों के सैकड़ों निवासियों ने पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर ¨सह एवं एचएसवीपी प्रशासक को इस समस्या को लेकर ज्ञापन सौंपा।

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गौरतलब है कि प्राइवेट लाइसेंस कालोनियों एवं एचएसवीपी सेक्टरों में चौथे फ्लोर को अलग से रिहायशी इकाई के तौर पर मंजूरी देने के बाद 21 नवंबर 2018 से चौथे फ्लोर की रजिस्ट्री के प्रावधान को लेकर प्रदेश सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया था। लाइसेंस कालोनियों में तो चौथे फ्लोर की रजिस्ट्री हो भी रही है, लेकिन एचएसवीपी सेक्टरों में लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। पूरे हरियाणा में अभी तक सेक्टरों में रजिस्ट्री का काम शुरू नहीं हो पाया।

शुक्रवार को सेक्टर निवासी एसके द्विवेदी एवं अक्षय भाटिया समेत सैकड़ों निवासियों ने इस मामले को लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। लोगों ने कहा कि टाउन एंड कंट्री प्ला¨नग के प्रधान सचिव एके ¨सह नोटिफिकेशन जारी होने के बाद भी पिछले तीन महीने से धरातल पर इसे अमलीजामा पहनाने में रोड़ा अटका रहे हैं। इसकी वजह से पूरे हरियाणा के सेक्टर वासियों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है।

गुरुग्राम बिल्डर एंड प्लॉट ओनर एसोसिएशन के सदस्य एवं एडवोकेट तेजेन्द्र सहरावत ने बताया कि एचएसवीपी सेक्टरों में फ्लोर की रजिस्ट्री न होने से सरकार के राजस्व को भी नुकसान हो रहा है। इस रजिस्ट्री के खुलने से सरकार को पूरे हरियाणा से सैकड़ों करोड़ रुपये का राजस्व मिल सकता है।

निवासी पुनीत खन्ना का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस विषय की गंभीरता को देखकर जिस प्राथमिकता से नोटिफिकेशन जारी किया था, वह अत्यधिक सराहनीय था लेकिन सरकार के शीर्ष अधिकारियों की जनभावना इससे बिल्कुल विपरीत है। चंडीगढ़ में बार-बार उच्च अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद भी केवल वायदे किए जा रहे हैं लेकिन धरातल पर कोई क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा।


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