हरियाणा बंद का कहीं व्यापक तो कहीं मिला जुला रहा असर
इनेलो-बसपा के हरियाणा बंद का पुराने गुरुग्राम के इलाके में व्यापक असर दिखा। अधिकतर दुकानें दोपहर तीन बजे तक बंद रहीं। शहर के सबसे पुराने व बड़े सदर बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। हालांकि नए गुरुग्राम इलाके में बंद का असर मिलाजुला रहा। परिवहन सेवाओं पर बंद का कोई असर नहीं दिखा।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : इनेलो-बसपा के हरियाणा बंद का पुराने गुरुग्राम के इलाके में तो व्यापक असर दिखा। लेकिन कुछ क्षेत्रों में मिला-जुला असर देखने को मिला। अधिकतर दुकानें दोपहर तीन बजे तक बंद रहीं। शहर के सबसे पुराने व बड़े सदर बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। नये गुरुग्राम इलाके में बंद का असर मिला जुला देखने को मिला। परिवहन सेवाओं पर बंद का कोई असर नहीं दिखा।
बंद को सफल बनाने के लिए सुबह छह बजे से ही दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता सड़कों पर आ गए थे। इस वजह से पुराने गुरुग्राम इलाके के बाजारों की अधिकतर दुकानें सुबह से ही नहीं खुलीं। जो दुकानें खुलीं थी बाद में बंद हो गईं। सदर बाजार में बंद की स्थिति यह थी, जहां पर दिन में पैर रखने की जगह नहीं होती है वहां से कार निकल सकती थी। बंद के माध्यम से दोनों पार्टी ने एकजुटता का भी संदेश दिया। पुराने गुरुग्राम में बंद को अभूतपूर्व करार देते हुए वरिष्ठ इनेलो नेता व पूर्व डिप्टी स्पीकर गोपीचंद गहलोत ने कहा कि जनता केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियों से तंग आ चुकी है। दोनों सरकार से जनता का विश्वास उठ चुका है। बंद की सफलता इस बात का स्पष्ट प्रमाण है। दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दुकानें बंद नहीं कराई थीं बल्कि दुकानदारों ने स्वयं ही दुकानें बंद रखीं। बंद का आह्वान कई मुद्दों को लेकर किया गया था। एसवाईएल पर सरकार की मंशा साफ नहीं। यह प्रदेश के लिए जीवन रेखा है। जीवन रेखा के ऊपर भी केंद्र व प्रदेश सरकार राजनीति कर रही है। पेट्रो पदार्थों की कीमत आसमान छू रही है। इससे महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। हत्या, लूट, दुष्कर्म जैसी वारदात आम हो चुकी हैं। गुरुग्राम में दुकानों को सील किया जा रहा है। क्या इस तरह से सरकार से चलाई जाती है। चार साल सरकार के गठन के हो चुके, अब तक पता ही नहीं सरकार कैसे चलाई जाती है। पूरे प्रदेश में विकास कार्य ठप हो चुके हैं। हल्की बारिश में ही गुरुग्राम जैसे शहर में बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है। आने वाले चुनाव में जनता भाजपा सरकार से हिसाब बराबर करने को तैयार बैठी है। बंद में इनेलो नेता गोपीचंद गहलोत के अलावा रमेश दहिया, शमशेर कटारिया, ऋषिराज राणा, सतबीर तंवर, कपिल त्यागी, अटलबीर कटारिया, शशि धारीवाल, राहुल शर्मा, भूपेंद्र सुखराली, राजेश डागर, कृष्ण प्रधान, जो¨गदर शौकीन आदि ने भूमिका निभाई। बसपा की ओर से एडवोकेट नेतराम, प्रताप कदम, महेंद्र ¨सह आदि ने विशेष भूमिका निभाई। पटौदी क्षेत्र में बेअसर रहा बंद
एसवाईएल सहित विभिन्न मुद्दों पर इनेलो-बसपा गठबंधन द्वारा आहुत हरियाणा बंद पटौदी क्षेत्र में बेअसर रहा। पटौदी, हेलीमंडी एवं भोड़ाकलां के बाजार खुले रहे। शनिवार सुबह इनेलो कार्यकर्ताओं ने एकत्रित होकर हेलीमंडी में दुकाने बंद करवाने का प्रयास किया। कई दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान बंद भी किए लेकिन उनके आगे जाते ही पुन: खोल दिए। कुछ दुकानों को छोड़कर सभी खुली रहीं। कई इनेलो कार्यकर्ताओं तक की दुकानें भी खुली रहीं। बंद का आह्वान करने वालों में पूर्व विधायक गंगा राम, इनेलो के पटौदी क्षेत्र के अध्यक्ष एवं जिला पार्षद राकेश बिलासपुर, जिला पार्षद दीप चंद, कृष्ण लाल यादव, प्रीतम ¨सह, रमेश गर्ग, शिव कुमार गुप्ता, सुखबीर तंवर, प्रवीण पूर्व पार्षद, बसपा नेता एमआर पूनिया सहित अनेक इनेलो कार्यकर्ता मौजूद रहे।
सोहना में भी नहीं दिखा असर
इनेलो के प्रस्तावित हरियाणा बंद के दौरान बाजार बंद को लेकर इनेलो कार्यकर्ता आपस में बंटे नजर आए। जिला अध्यक्ष से लेकर हलका अध्यक्ष बाजार में दिखे लेकिन बंद कराने में कोई पहल नहीं दिखाई। इनेलो कार्यकर्ताओं में बाजर बंद को लेकर रुचि न होने से पूर्णतया सोहना बाजार खुला रहा। बाजार बंद कराने में इनेलो कार्यकर्ताओं ने रुचि क्यों नहीं ली, इसको लेकर लोग चर्चाएं करते दिखे। विशेष बात ये रही कि इनेलो पार्टी के जिला अध्यक्ष भी सोहना के रहने वाले हैं और विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। इसके बावजूद उनके प्रतिष्ठान तक खुले रहे। कई कार्यकर्ताओं ने बताया कि आजकल इनेलो में ऊपरी स्तर पर भी कुछ खास ठीक नहीं चल रहा है जिसका असर निचले कार्यकर्ताओं में भी दिख रहा है।