हरेरा में रजिस्ट्रेशन ना कराने पर लगेगी प्रोजेक्ट लागत की 10 प्रतिशत पैनल्टी
एक शिकायत पर नये गुरुग्राम के एक बिल्डर लाइसेंस एरिया मेफील्ड गार्डन को 15 दिन के भीतर हरेरा के अधीन रजिस्टर्ड किए जाने के आदेश हुए है। अगर मेफील्ड गार्डन के बिल्डर हरेरा में रजिस्ट्रेशन नहीं कराते तो नियमों के अनुसार उन्हें प्रोजेक्ट की कुल लागत का दस प्रतिशत तक की राशि पैनल्टी के रूप में देनी पड़ेगी। हालांकि याचिका कर्ता सतपाल ठाकरान के अनुसार वे लगातार इस में लगे रहे। सभी बिल्डरों को हरेरा यानी हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी में अपना रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए। मगर मेफील्ड गार्डन के बिल्डरों ने ऐसा नहीं किया। इस याचिका में बिल्डर प्रबंधन पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में कोताही, अतिक्रमण जैसे कई अन्य आरोप भी लगाए गए हैं।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: एक शिकायत पर नए गुरुग्राम के एक बिल्डर लाइसेंस एरिया मेफील्ड गार्डन को 15 दिन के भीतर हरेरा के अधीन रजिस्टर्ड कराने के आदेश दिए गए हैं। अगर मेफील्ड गार्डन के बिल्डर हरेरा में रजिस्ट्रेशन नहीं कराते तो नियमों के अनुसार उन्हें प्रोजेक्ट की कुल लागत का दस प्रतिशत तक की राशि पैनल्टी के रूप में देनी पड़ेगी। हालांकि याचिकाकर्ता सतपाल ठाकरान के अनुसार वे लगातार इसमें लगे रहे। सभी बिल्डरों को हरेरा यानी हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी में अपना रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए। मगर मेफील्ड गार्डन के बिल्डरों ने ऐसा नहीं किया। इस याचिका में बिल्डर प्रबंधन पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में कोताही, अतिक्रमण जैसे कई अन्य आरोप भी लगाए गए हैं।
लगभग 324 एकड़ की मेफील्ड गार्डन सोसायटी का पहले भी टाउन एंड कंट्री प्ला¨नग में लाइसेंस रिन्यूअल नहीं कराने पर लाइसेंस कैंसिल हुआ था। सेक्टर 47, 50, 51, 52 और 57 में बसी इस टाउनशिप को शुरू करने में 20 बिल्डर कंपनियों एकजुट हुई थी बाद में यह मिलकर पांच रह गई। इसमें टाउन एंड कंट्री प्ला¨नग के नियमानुसार इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधित कई कार्य नहीं हुए है। लोग सड़क, सीवेज, सामुदायिक भवन, बिजली जैसी दिक्कतों को लेकर लंबे समय से संघर्ष करते रहे हैं।
हरियाणा रियल एस्टेट डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन रूल्स 2017 के उल्लंघन के आरोप इस शिकायत में लगाए गए थे। लोगों ने आरटीआइ के जरिए जानकारियां हासिल की कि बिल्डर प्रबंधन ने हरेरा में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया। 27 मार्च 2017 को शिकायतकर्ता ने शिकायत की थी। हरेरा द्वारा आठ फरवरी को यह आदेश जारी किया गया है। नगर निगम के दायरे में अभी क्यों नहीं आ सकता मेफील्ड गार्डन
टाउन एंड कंट्री प्ला¨नग निदेशालय में मेफील्ड गार्डन को नगर निगम में शामिल किए जाने की मांग इसलिए खारिज की कर दी गई। मेफील्ड गार्डन नगर निगम के अधीन तब तक नहीं लाया जा सकता है जबतक कॉलोनाइजर को कॉलोनी के कंप्लीशन का सर्टिफिकेट नहीं मिल जाता। कंप्लीशन सर्टिफिकेट बिल्डर को तबतक नहीं दिया जाएगा, जबतक बिल्डर अपने कार्य पूरे नहीं कर लेता और डीटीसीपी के पास अपनी बकाया राशि नहीं जमा कर देता। शिकायतकर्ता ने कहा
मेफील्ड गार्डन के पांच बिल्डर है। इन पर अगर दस प्रतिशत भी जुर्माना लगता है तो सरकार के खजाने में यह राशि अरब में होगी। यह आदेश पिछले साल 26 जुलाई को ही आ गए थे मगर इसमें अधिकारियों के हस्ताक्षर होने में छह महीने 13 दिन लगे हैं। हमलोग मुख्यमंत्री से न्याय की अपील करते हैं। हमारी कॉलोनी के इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जाए और मेफील्ड गार्डन को नगर निगम के दायरे में लाए जाने की कार्रवाई की जाए।
- सतपाल ठाकरान, पूर्व आरडब्ल्यूए अध्यक्ष