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    गुरुग्राम पुलिस को प्रदूषण से लड़ने के लिए 'हवा का कवच', कैसे काम करता है एयर प्यूरीफायर?

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 05:43 AM (IST)

    गुरुग्राम पुलिस ने प्रदूषण से लड़ने के लिए 'हवा का कवच' नामक एक नया उपकरण अपनाया है। यह उपकरण हवा को शुद्ध करेगा, जिससे लोगों को सांस लेने में आसानी होगी और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचाव होगा। पुलिस का मानना है कि यह नागरिकों के लिए एक सुरक्षा कवच साबित होगा और पर्यावरण संरक्षण में मदद करेगा।

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    गुरुग्राम पुलिस ने प्रदूषण से लड़ने के लिए 'हवा का कवच' नामक एक नया उपकरण अपनाया है। 

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। ट्रैफिक पुलिस को वाहनों से निकलने वाले वायु प्रदूषण के उच्च स्तर का सामना करना पड़ता है, जिससे अक्सर सांस संबंधी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं। समय-समय पर गुरुग्राम और अन्य शहरों में ट्रैफिक पुलिस के लिए आयोजित स्वास्थ्य शिविरों में भी कर्मियों में सांस संबंधी बीमारियों का पता चला है। इस समय दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक भी उच्च स्तर पर है, जिससे हवा सांस लेने लायक नहीं है।

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    वायु प्रदूषण से खुद को बचाने के लिए गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस अब पहनने योग्य एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करेगी। मंगलवार को गुरुग्राम की सड़कों पर तैनात वायु प्रदूषण का सीधा सामना करने वाले 50 गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को पहनने योग्य एयर प्यूरीफायर प्रदान किए गए। गुरुग्राम की प्रमुख कंपनी एटोवियो ने एसजीटी विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में सीएसआर पहल के तहत ये प्यूरीफायर वितरित किए।

    पुलिसकर्मियों को इन्हें पहनने और इस्तेमाल करने का तरीका भी बताया गया। बताया गया कि 30 ग्राम वजनी यह प्यूरीफायर महज 30 सेकेंड में हवा को सांस लेने लायक बना देता है। इसे गले में सीटी की तरह पहना जा सकता है। एक बार चार्ज करने पर पुलिसकर्मियों को 48 घंटे तक शुद्ध हवा मिलती रहेगी। पहले चरण में, इसे 50 ट्रैफ़िक पुलिसकर्मियों को प्रदान किया गया है। आने वाले दिनों में, सभी ट्रैफ़िक पुलिसकर्मी इसका उपयोग कर सकेंगे। इससे उन्हें वायु प्रदूषण से निपटने में मदद मिलेगी। सीएसआर के तहत प्यूरीफायर उपलब्ध कराने वाली कंपनी ने पिछले साल इन मशीनों को लॉन्च किया था।

    इन्हें आईआईटी कानपुर से प्रमाणित किया गया है। कंपनी ने इनका पेटेंट भी कराया है। कार्यक्रम में, डीसीपी ट्रैफ़िक डॉ. राजेश मोहन ने कंपनी की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस समय एनसीआर में प्रदूषण बहुत ज़्यादा है। ये मशीनें ट्रैफ़िक पुलिस के लिए बहुत फ़ायदेमंद होंगी। ट्रैफ़िक पुलिसकर्मी सड़क पर सीधे वायु प्रदूषण के संपर्क में आते हैं, जिससे उन्हें काफ़ी नुकसान होता है। 

    वायु प्रदूषण के ये नुकसान 

    • आँखों में जलन
    • नींद आने में कठिनाई
    • ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
    • सिरदर्द और छींक आना
    • तीव्र श्वसन समस्याएँ
    • अस्थमा और फेफड़ों की बीमारी
    • वायु प्रदूषण के कारण दिल का दौरा, स्ट्रोक और अन्य समस्याएँ होती हैं।