जीएसटी ट्रिब्यूनल के लिए गुरुग्राम सबसे उचित स्थान
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) से संबंधित विवादों के समाधान को लेकर जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल का गठन गुरुग्राम में किए जाने की मांग जोर पकड़ रही है।
यशलोक सिंह, गुरुग्राम
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) से संबंधित विवादों के समाधान को लेकर जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल का गठन गुरुग्राम में किए जाने की मांग जोर पकड़ रही है। इसी साल अगस्त में केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा जारी सूची में हरियाणा के जीएसटी ट्रिब्यूनल के लिए हिसार को चुना गया था। इसके बाद से उद्योग जगत में दबी जुबान से चर्चा शुरू हो गई थी कि इस ट्रिब्यूनल के लिए सबसे उपयुक्त स्थान हिसार नहीं गुरुग्राम है। उद्योग जगत की इसी मंशा को लेकर गुड़गांव चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जीसीसीआइ) द्वारा प्रदेश के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु को पत्र लिखा गया है, जिसमें कहा गया है कि ट्रिब्यूनल के गठन का निर्णय अत्यंत सराहनीय कदम है मगर इसके स्थान को लेकर फिर से विचार किया जाए।
जीसीसीआइ का कहना है कि जीएसटी ट्रिब्यूनल पर गुरुग्राम का हक इसलिए भी अधिक है क्योंकि यहां हजारों की संख्या में औद्योगिक इकाइयां हैं। गुरुग्राम से सटे फरीदाबाद और रेवाड़ी जैसे औद्योगिक जिले हैं। जीएसटी अदायगी की बात की जाए तो गुरुग्राम हरियाणा का सबसे प्रमुख केंद्र है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान प्रदेश का कुल जीएसटी कलेक्शन 126,57,51,36,038 रुपये का है। इसमें से अकेले गुरुग्राम की हिस्सेदारी 34,58,78,74,856 रुपये की है। ऐसे में सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि ट्रिब्यूनल के लिए गुरुग्राम सबसे बेहतर स्थान है। यहां जीएसटी रिफंड, अधिक टैक्स, जुर्माना और ई-वे बिल के संबंध में कई किस्म के विवाद होते हैं। ऐसी स्थिति में बार-बार हिसार तक की दौड़ लगाना उद्यमियों के लिए काफी तकलीफदेय होगी।
जीसीसीआइ द्वारा वित्त मंत्री को भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन को लेकर प्रदेश सरकार के निर्णय पर किसी प्रकार का सवाल खड़ा करना मकसद नहीं है। यह चैंबर की ओर से दिया जाने वाला महज एक सुझाव है। अधिकतर उद्यमियों की भी यही राय है कि यह गुरुग्राम में होनी चाहिए। जीएसटी की अदायगी करने वालों की संख्या के मामले में भी गुरुग्राम का प्रदेश में प्रमुख स्थान है। जीसीसीआइ ने वित्त मंत्री को यह भी सुझाव दिया है कि यदि सरकार हिसार में ही जीएसटी ट्रिब्यूनल को रखना चाहती है तो भी कोई दिक्कत नहीं है। बस इसकी एक ब्रांच गुरुग्राम में भी स्थापित कराई जाए। गुजरात सरकार ने ऐसा ही किया हुआ है। वहां ट्रिब्यूनल अहमदाबाद में है। इसकी एक-एक ब्रांच सूरत और राजकोट में भी है। ऐसा होगा तो ईज ऑफ डूईंग बिजनेस को और बढ़ावा मिलेगा। वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु को पत्र लिखकर जीएसटी ट्रिब्यूनल की स्थापना गुरुग्राम में करने की मांग की गई है। यदि ऐसा संभव नहीं है तो कम से कम गुरुग्राम में इस ट्रिब्यूनल की एक बेंच जरूर स्थापित की जाए। ऐसा होगा तो उद्योग जगत को बड़ी राहत मिलेगी।
विकास जैन, अध्यक्ष, गुड़गांव चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री