जीएसटी से व्यापार की दुनिया में बढ़ी सकारात्मकता
एक जुलाई 2017 को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) देश में लागू हुआ था। इस व्यवस्था का यह तीसरा साल है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: देश में एक जुलाई, 2017 को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू हुआ था। इस व्यवस्था को लागू हुए तीन साल पूरे हो चुके हैं। साइबर सिटी के कारोबारियों का कहना है कि एक देश एक टैक्स की मंशा से लागू की गई इस अप्रत्यक्ष कर प्रणाली से शुरुआती दिनों में थोड़ी परेशानी आई थी, फिलहाल अब लोग इसके अभ्यस्त हो गए हैं। व्यापारियों का यह भी कहना है कि कारोबार की दुनिया में इससे पारदर्शिता आई है।
जीएसटी लागू होने से कई प्रकार के टैक्स देने से कारोबारियों एवं उद्यमियों को छुटकारा मिल गया है। कर विभाग के अधिकारियों द्वारा करों की हेराफेरी की संभावना पर जीएसटी ने विराम लगा दिया है। इसने सेवा कर, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, लक्जरी कर व बिक्री सहित अन्य करों के एक साथ जुड़ जाने से करों की गणना और संग्रह प्रक्रिया काफी सरल हो गई है। कारोबार क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि जीएसटी के कारण लंबे समय में वस्तुओं एवं सेवाओं की लागत में कमी आई है। जहां तक मैं समझता हूं जीएसटी के लागू होने के बाद थोड़े समय तक लोगों को परेशानी हुई थी, मगर अब सभी इससे बेहतर तरीके से परिचित हो गए हैं। इस कर सुधार ने कारोबार की दुनिया में बड़ा बदलाव ला दिया है। कारोबार के क्षेत्र में इससे पारदर्शिता आई है।
श्रीचंद गुप्ता, कारोबारी जीएसटी कर सुधार के क्षेत्र में उठाया गया बड़ा सुधारवादी कदम है। सबसे अच्छी बात यह है कि इस कर कानून में सरकार सहूलियत की दृष्टि से समय-समय पर सुधार भी करती है। कारोबार के क्षेत्र में इस कर कानून से व्यापक सुधार हुआ है।
सत्येंद्र कुमार, कारोबारी