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नई सरकार से जीएसटी में उद्योग जगत को बड़ी राहत की आस

गुड्स एंड सर्विसेज (जीएसटी) टैक्स मामले में केंद्र की नई सरकार से साइबर सिटी के उद्योग जगत को बड़ी उम्मीदें हैं। उनका कहना है कि जीएसटी रिफंड में देरी अभी भी उनके लिए बड़ी समस्या है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 May 2019 07:31 PM (IST)Updated: Thu, 30 May 2019 07:31 PM (IST)
नई सरकार से जीएसटी में उद्योग जगत को बड़ी राहत की आस
नई सरकार से जीएसटी में उद्योग जगत को बड़ी राहत की आस

यशलोक सिंह, गुरुग्राम

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गुड्स एंड सर्विसेज (जीएसटी) टैक्स मामले में केंद्र की नई सरकार से साइबर सिटी के उद्योग जगत को बड़ी उम्मीदें हैं। उनका कहना है कि जीएसटी रिफंड में देरी अभी भी उनके लिए बड़ी समस्या है। इस देरी से निर्यातक औद्योगिक इकाइयों को लगातार आर्थिक परेशानियों से रूबरू होना पड़ रहा है। इसका असर औद्योगिक उत्पादन और कारोबार पर नकारात्मक पड़ रहा है। हालांकि जीएसटी रिफंड के पेंडिग मामलों में तेजी से कमी आ रही है। जीएसटी को और अधिक उद्योग फ्रैंडली बनाने के साथ-साथ जीएसटी स्लैब कटेगरी को कम करने की भी मांग की जा रही है।

गुरुग्राम गारमेंट इंडस्ट्री का बड़ा हब है यहां करीब 900 गारमेंट निर्यातक हैं। इसमें से अधिकतर को जीएसटी रिफंड में लगातार परेशानी आ रही है। इससे उनका उत्पादन से लेकर निर्यात तक प्रभावित हो रहा है। रिफंड व्यवस्था के सरलीकरण की लगातार मांग की जा रही है। उद्यमियों का कहना है कि ऐसा होगा तो यह कारोबारी सहूलियत की ²ष्टि से बड़ा कदम होगा। उद्यमियों की मांग है कि जीएसटी रिफंड को लेकर केंद्र सरकार एकल प्राधिकरण की व्यवस्था करें। अभी केंद्र और राज्य के दोहरे रिफंड मंजूरी प्राधिकरण की व्यवस्था है। इससे रिफंड में भारी परेशानी आ रही है। कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार इस दिशा में काम कर रही है। अगस्त तक इस नई व्यवस्था लागू होने की पूरी उम्मीद है।

गारमेंट निर्यात से जुड़े सुरेश दास ने बताया कि जीएसटी लागू के बाद से ड्यूटी ड्रॉ बैक के रूप में मिलने वाली राशि निर्यातकों को मिलना बंद हो गया था। तब सरकार द्वारा जीएसटी रिफंड के रूप में इसे देने की घोषणा की गई थी। इसके बाद रिफंड के लिए उद्यमियों को सरकारी दफ्तरों का लगातार चक्कर लगाना पड़ रहा है। गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण यादव का कहना है कि जीएसटी के प्रावधानों का सरलीकरण किया जाए। वहीं जीएसटी रिटर्न मामले में भी उद्योग जगत को राहत दी जाए। जो जीएसटी स्लैब अभी पांच, 12, 18 व 28 फीसद निर्धारित है उसे सिर्फ दो स्लैब में किया जाए। जो अधिकतम 18 प्रतिशत से अधिक नहीं हो।

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केंद्र में गठित नई सरकार से उम्मीद है कि वह जीएसटी के प्रावधानों का सरलीकरण करेगी। साथ ही जीएसटी रिफंड के लिए एकल प्राधिकरण की व्यवस्था जल्द से जल्द की जाएगी। ऐसा होता है तो निर्यात करने वाली औद्योगिक इकाइयों को बड़ा लाभ होगा।

अनिमेश सक्सेना, अध्यक्ष, उद्योग विहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन

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