ऑटोमोबाइल क्षेत्र की नजर जीएसटी काउंसिल की बैठक पर
ऑटोमोबाइल क्षेत्र की नजर 20 सितंबर को गोवा में होने वाली गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की बैठक पर टिकी हुई है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: मंदी से जूझ रहे ऑटोमोबाइल क्षेत्र की नजर 20 सितंबर को गोवा में होने वाली गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की बैठक पर टिकी हुई है। उद्यमियों का कहना है कि सरकार को भी अब इस बात का एहसास हो चुका है कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र में तेजी लाने के लिए राहत देना जरूरी हो गया है। ऐसे में इस बात की पूरी उम्मीद है कि सरकार इस क्षेत्र पर प्रभावी जीएसटी दर में कमी करेगी। शुक्रवार को केंद्रीय भारी उद्योग राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसके संकेत दिए हैं।
ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर इस समय जीएसटी 28 फीसद लगता है। वाहन निर्माता कंपनियों से लेकर उनके लिए ऑटो पार्ट्स बनाने वाली इकाइयों द्वारा इसको 18 फीसद करने की मांग है। यह मांग उसी समय से की जा रही है, जब से इसे लागू किया गया था। उद्यमियों की मांग है कि जीएसटी दर में यह कमी वाहनों के उत्पादन से लेकर इसकी बिक्री तक पर की जाए। ऐसा होता है तो ऑटोमोबाइल क्षेत्र को बड़ी राहत मिलेगी। ऑटोमोबाइल क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि त्योहारी सीजन के दौरान मांग बढ़ती है। ऐसे समय में अगर सरकार अपनी ओर से जीएसटी में कमी कर दे तो यह बड़ा कदम होगा। इससे तेजी से मंदी की गिरफ्त में आ रहे ऑटोमोटिव क्षेत्र को बड़ी राहत मिल जाएगी।
गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन (जीआइए) के महासचिव दीपक मैनी का कहना है कि ऑटो सेक्टर में सुधार लाने के लिए जीएसटी दर को घटाना सरकार का पहला बड़ा कदम होना चाहिए। जीएसटी काउंसिल की होने वाली बैठक से काफी उम्मीदें हैं। यहां राहत मिलती है तो बेहतरी की ओर कदम बढ़ेंगे। दोपहिया वाहनों और कारों के खरीदार मार्केट में आएंगे। फिलहाल ऑटो कंपनियां अपने स्तर पर मंदी से निपटने के सभी प्रयास कर रही हैं। वह अपनी ओर से ग्राहकों को काफी डिस्काउंट भी दे रही हैं। गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण यादव का कहना है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक से उद्यमियों को काफी उम्मीदें हैं। जीएसटी दर घटेगी तो वाहनों के खरीदार शोरूम तक जरूर पहुंचेंगे।