अलविदा 2020 : शिक्षा : चुनौतियों से जूझते शिक्षा क्षेत्र में निकाली गई नई राहें
यह साल हर क्षेत्र के लिए चुनौतियों भरा रहा लेकिन शिक्षा को लेकर परेशानियों की गिनती नहीं खत्म हो रही है।
प्रियंका दुबे मेहता, गुरुग्राम
यह साल हर क्षेत्र के लिए चुनौतियों भरा रहा लेकिन शिक्षा को लेकर परेशानियों की गिनती नहीं खत्म हो रही है। हालांकि कई नई योजनाएं भी बनी और कुछ को लागू करने के प्रयास भी फलीभूत हुए। स्कूलों में सत्र शुरू होने से पहले ही स्कूल बंद हो गए। कालेजों में परीक्षाएं हुए बिना ही विद्यार्थियों को प्रमोट कर दिया गया। आनलाइन कक्षाएं अस्तित्व में आई तो विद्यार्थियों और अभिभावकों के लिए गले की फांस से अधिक कुछ साबित नहीं हुई। किसी तरह स्कूल चल रहे हैं, कालेजों में दाखिले हुए लेकिन विद्यार्थियों को न तो अनुभव मिल पा रहा है और न ही कक्षाओं जैसी बात हो रही है। यह तो बात हुई व्यावहारिक परेशानियों की, अब अगर योजनाओं की बात करें तो शिक्षकों को हटाने और पीटीआइ शिक्षकों को नौकरी से हटाने के अलावा स्कूल कालेजों में भवन निर्माण प्रक्रिया अटक गई। हालांकि इस वर्ष कुछ नई योजनाएं बनी जिनका क्रियान्वयन परिस्थितियां बदलते ही होने की उम्मीद है। इसी सकारात्मकता ही कहेंगे कि शिक्षा विभाग ने तमाम चुनौतियों के बावजूद कई नई योजनाएं बनाई, बदले माहौल में बेहतर तरीके से शिक्षा देने के लिए और पठन-पाठन को सुगम बनाने के नए तरीके भी निकाले। कुल मिलाकर दिक्कतें आईं तो उनका तोड़ निकालने का प्रयास भी विभाग ने बखूबी किया। पेश आईं मुश्किलें
- आनलाइन कक्षाएं शुरू हुईं तो अभिभावकों और निजी स्कूलों के बीच फीस मुद्दा गहराया और हाइकोर्ट तक पहुंचा
- आनलाइन कक्षाओं में कई तरह की दिक्कतें
- बड़ी संख्या में पीटीआइ और सामान्य शिक्षकों को हटाया गया
- अंतरजिला शिक्षा स्थानांतरण मुद्दा छाया रहा निकाली नई राहें
- एससीईआरटी ने डिजिटल हैंड बुक बनाने का काम शुरू किया
- मिड डे मील घरों तक पहुंचाया गया
- शिक्षकों को योद्धा बनाकर विद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़ो की योजना बनी
- शिक्षण संस्थानों में दाखिला प्रक्रिया पूरी तरह आनलाइन
- बिना परीक्षा के प्रमोट हुए कालेज विद्यार्थी
- जिले के कालेजों में पहली बार शुरू हुए वैल्यू एडेड कोर्स
- नए माडल स्कूल बनाए गए, सरकारी स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम बनाया गया
- जिले के कई सरकारी स्कूलों का हुआ नवीनीकरण इन स्कूलों में रैंप, शौचालय, चबूतरा और किचन बने
- राजकीय महिला महाविद्यालय में छठे हास्टल का निर्माण कार्य हुआ शुरू
- राजकीय महाविद्यालय, सेक्टर-नौ में शुरू हुई बीएससी मेडिकल कोर्स
- आनलाइन पढ़ाई के लिए दीक्षा, ई-पुस्तक और सीसीटी प्रोजेक्ट समेत अन्य नए एप बनाए गए
- बोर्ड कक्षाओं का पाठ्यक्रम घटा
- विद्यार्थियों को मोबाइल बैंक के जरिए स्मार्टफोन उपलब्ध करवाए गए
- रोजगार प्रशिक्षण के लिए जिले में ई कार्मा केंद्र की शुरुआत हुई लटकी कुछ योजनाएं
- जिले में पिछले सत्र से खुलने वाले तीन राजकीय महाविद्यालयों की इमारत अभी भी है निर्माणाधीन
- कई स्कूलों की इमारत है जर्जर, कोरोना महामारी के चलते इमारत का निर्माण कार्य रुका
- राजकीय महाविद्यालयों को नहीं मिले कोई नए कोर्स और न ही कोर्सों में बढ़ी सीटें
- कोरोना महामारी के कारण महाविद्यालयों में नई इमारतों के निर्माण, कंप्यूटर लैब व मरम्मत जैसे कई विकास कार्य रुके चुनौतियों भरा जरूर रहा यह साल लेकिन परेशानियों से घबराकर बैठने की जगह शिक्षा विभाग ने कई नई योजनाएं बनाई। सरकारी स्कूलों में आनलाइन पढ़ाई के दौरान आने वाली समस्याओं से निपटने के लिए शिक्षा विभाग ने दीक्षा जैसे कई एप बनाए। जिला स्तर पर भी पढ़ाई नियमित रखने के लिए हर संभव प्रयास किया गया। आने वाले वर्ष में सभी लंबित योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा।
- कैप्टन इंदू बोकन, जिला शिक्षा अधिकारी महामारी के चलते आफलाइन कक्षाएं नहीं लग पाई लेकिन आनलाइन कक्षाओं में सभी विद्यार्थियों को जोड़ा गया। पहली बार आनलाइन पढ़ाई की बेहतरी के लिए जिला स्तर पर भी नए प्रयास किए गए। हालांकि इस बार नए सत्र की शुरुआत देर से हुई है। अब महाविद्यालयों में आनलाइन और आफलाइन दोनों तरीके से पढ़ाई हो रही है। इसके अलावा विद्यार्थियों को अनाथ आश्रम और वृद्धाश्रम में समाजसेवा से जोड़ने का काम किया गया।
- डा. सत्यमन्यु यादव, प्राचार्य, सेक्टर-नौ राजकीय महाविद्यालय