Move to Jagran APP

बजट बिगुल : जीआइए ने दिया जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के गठन का सुझाव

गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन (जीआइए) द्वारा आम बजट 2022-23 के मद्देनजर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सुझाव दिए गए हैं। यह सुझाव उन्हें पत्र के माध्यम दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 07:17 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 07:17 PM (IST)
बजट बिगुल : जीआइए ने दिया जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के गठन का सुझाव
बजट बिगुल : जीआइए ने दिया जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के गठन का सुझाव

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन (जीआइए) द्वारा आम बजट 2022-23 के मद्देनजर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सुझाव दिए गए हैं। यह सुझाव उन्हें पत्र के माध्यम दिया गया है। जीआइए अध्यक्ष जेएन मंगला ने बताया कि पत्र में इस बात का जिक्र है कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) से संबंधित विवाद तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में इसके निवारण के लिए अभी तक अपीलीय न्यायाधिकरण का गठन नहीं हो सका है। इस दिशा में ध्यान देने की जरूरत है। फास्ट ट्रैक विवाद समाधान समय की मांग है। बजट में इसे लेकर ठोस घोषणा की जानी चाहिए।

loksabha election banner

अभी जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरणों के न होने से करदाताओं को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ता है। जो महंगा और समय लेने वाला साबित होता है। जेएन मंगला ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री से मांग की गई है कि जीएसटी रिफंड आवेदन के 60 दिन के भीतर करने का प्रविधान है, इसके बावजूद इसमें देरी हो रही है। विलंबित रिफंड राशि पर ब्याज को अनिवार्य रूप से दिए जाने की व्यवस्था बजट में की जानी चाहिए। दो पहिया वाहनों पर चार पहिया वाहनों के बराबर 28 प्रतिशत जीएसटी लग रही है। इस स्लैब को 10 प्रतिशत के स्तर पर लाना चाहिए। जो जीएसटी स्लैब अभी पांच से 18 प्रतिशत है उसे क्रमश: तीन और 16 प्रतिशत के स्तर पर लाना चाहिए।

व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा और स्लैब दरों की समीक्षा करने की जाए। यह उचित होगा यदि छूट की सीमा को बढ़ाकर चार लाख रुपये तक कर दिया जाए। सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योगों को माल सप्लाई के बाद कंपनियों से निर्धारित समय (45) के भीतर भुगतान का प्रविधान है। इसके बावजूद रकम समय पर नहीं मिलने से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को भारी अनुसविधा हो रही है। निर्यात को प्रोत्साहित करने की दिशा में भी बजट में ठोस कदम उठाए जाएं। वहीं ईज आफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने की भी जरूरत है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.