औद्योगिक राहत के लिए जीसीसीआइ ने डिप्टी सीएम को लिखा पत्र
औद्योगिक कर्मचारियों को वेतन सहित अन्य प्रकार की सुविधाएं देने के लिए सरकार को कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: गुड़गांव चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जीसीसीआइ) ने कोविड-19 महामारी की वजह से संकट में आए उद्योगों को राहत देने की मांग उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से की है। जीसीसीआइ ने इसे लेकर उप-मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। पत्र में मांग के साथ-साथ औद्योगिक राहत के संबंध में कई सुझाव भी उन्हें दिए गए हैं।
चैंबर की मांग है कि प्रदेश सरकार हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, नगर निगम व हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा लिए जाने वाले सभी प्रकार के टैक्स को अगले तीन माह के लिए स्थगित दे। वहीं बिजली के फिक्स चार्ज, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी व बिजली बिल के साथ लग कर आने वाले म्युनिसिपल टैक्स से भी अगले छह माह तक छूट देने की मांग की है।
जीसीसीआइ की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि लॉकडाउन को लेकर कुछ जरूरी वस्तुओं के उत्पादन से जुड़ी औद्योगिक इकाइयों के अलावा अन्य इकाइयां पूरी तरह से बंद हैं। ऐसी स्थित में इंडस्ट्री पर दबाव काफी बढ़ गया है। औद्योगिक कैश फ्लो पूरी तरह से थम गया है। चैंबर के महासचिव एसके आहूजा का कहना है कि संकट की ऐसी घड़ी में उद्योगों को सिर्फ सरकार ही उबार सकती है। सबसे पहले सरकार को बिजली के फिक्स चार्ज पर बड़ी राहत देनी चाहिए। रकार को उद्योगों के लिए सभी प्रकार की एनओसी और लाइसेंस के नवीनीकरण की अवधि भी बढ़ानी चाहिए। वाटर, एयर पॉल्यूशन एक्ट के तहत जिन औद्योगिक इकाइयों के सहमति की अवधि मार्च में समाप्त हो गई है उनका स्वत: नवीनीकरण सरकार को सितंबर तक के लिए कर देना चाहिए। इसी प्रकार से फायर एनओसी, मंडी समिति, ड्रग लाइसेंस, कांट्रैक्टर लाइसेंस, बॉयलर सर्टिफिकेट आदि की तिथि भी सितंबर तक के लिए बड़ा देनी चाहिए।
--
औद्योगिक कर्मचारियों को वेतन सहित अन्य प्रकार की सुविधाएं देने के लिए सरकार को कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए। इसमें लिए वह लेबर वेलफेयर फंड का इस्तेमाल कर सकती है। इस फंड में करोड़ों रुपये सालों से पड़े हुए हैं। इंडस्ट्री की हालत अभी ऐसी नहीं है कि वह कर्मचारियों को आगे वेतन दे सके।
- विकास जैन, अध्यक्ष, गुड़गांव चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री