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ठोस कचरा प्रबंधन के लिए बनेंगे चार मॉडल वार्ड

नगर निगम गुरुग्राम द्वारा ठोस कचरा प्रबंधन की ²ष्टि से बनाए जाने वाले चार मॉडल वार्डों में मैटिरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) स्थापित करने के लिए सोमवार को निगमायुक्त यशपाल यादव की अध्यक्षता में विस्तारित निर्माता जिम्मेदारी (ईपीआर) के तहत बैठक का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 06:40 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 06:27 AM (IST)
ठोस कचरा प्रबंधन के लिए बनेंगे चार मॉडल वार्ड
ठोस कचरा प्रबंधन के लिए बनेंगे चार मॉडल वार्ड

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: नगर निगम गुरुग्राम द्वारा ठोस कचरा प्रबंधन की दृष्टि से बनाए जाने वाले चार मॉडल वार्डो में मटीरियल रिकवरी फैस्लिटी (एमआरएफ) स्थापित करने के लिए सोमवार को निगमायुक्त यशपाल यादव की अध्यक्षता में विस्तारित निर्माता जिम्मेदारी (ईपीआर) के तहत बैठक का आयोजन किया गया।

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बैठक में बताया गया कि नगर निगम द्वारा पायलेट प्रोजेक्ट के तहत प्रथम चरण में जोनवार 1-1 वार्ड यानी चार वार्डो को ठोस कचरा प्रबंधन की दृष्टि से मॉडल वार्ड बनाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इसके तहत सभी चारों वार्डो में वेस्ट ऑडिट पूरा किया जा चुका है और वार्डो में स्थित बल्क वेस्ट जनरेटरों की जानकारी हासिल की गई है। ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 के तहत प्रतिदिन 50 किलोग्राम या इससे अधिक कचरा उत्पादक बल्क वेस्ट जनरेटर की श्रेणी में आता है और उसे अपने स्तर पर कचरे का प्रबंधन करना अनिवार्य है। नगर निगम द्वारा ऐसी एजेंसियों को एंपेनल किया गया है, जो कचरे से खाद बनाने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने और मशीनरी एवं तकनीकी सुविधा मुहैया करवा रही हैं। बल्क वेस्ट जनरेटर अपने परिसर में कचरा प्रबंधन यूनिट स्थापित करने के बारे में इन एजेंसियों से संपर्क करें। एजेंसियों के रेट नगर निगम द्वारा निर्धारित किए गए हैं। अगर किसी बल्क वेस्ट जनरेटर के पास जगह उपलब्ध नहीं है, तो नगर निगम कलस्टर के तहत कंपोस्टिग यूनिट स्थापित करेगा, जिसका खर्च उस क्षेत्र के बल्क वेस्ट जनरेटर वहन करेंगे। यहां नगर निगम आयुक्त यशपाल यादव ने सफाई शाखा से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी एंपेनल एजेंसियों को वार्डो का बंटवारा कर दें। बल्क वेस्ट जनरेटरों को ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 की पालना सुनिश्चित करवाएं। अगर कोई नहीं करता है, तो नियमानुसार उन पर चालान और जुर्माने की कार्रवाई करें।

बैठक में पेस ग्रुप द्वारा एक प्रजेंटेशन के माध्यम से एमआरएफ स्थापना के बारे में जानकारी दी गई और बताया कि वे एमआरएफ स्थापना करवाकर कचरे का कार्य करने वाले अव्यवस्थित लोगों को व्यवस्थित करेंगे व उनका क्षमता निर्माण करने का कार्य करेंगे। करो संभव ग्रुप की ओर से बताया गया कि वे पिछले 2 वर्षों से राष्ट्रीय स्तर पर इलेक्ट्रोनिक वेस्ट का प्रबंधन करने का कार्य कर रहे हैं। निगमायुक्त ने सफाई विग के अधिकारियों से एक बार फिर कहा कि वे गुरुग्राम में कचरा प्रबंधन का कार्य कर रही कंपनी इकोग्रीन पर जीरो टोलरेंस की नीति अपनाएं और नियमानुसार उन पर जुर्माने एवं पैनल्टी लगाने की कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करें कि सार्वजनिक स्थान पर कचरा ना डाला जाए। इकोग्रीन को सभी खातों को बंद करने के लिए निर्देश दें। इसके साथ ही राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) की सफाई करवाएं और वहां पर स्थित दुकानदारों व रेहड़ी-पटरी वालों को डस्टबिन रखने बारे निर्देश दें। अगर कोई दुकानदार या रेहड़ी-पटरी विक्रेता सड़क पर कचरा डालता है, तो उसका चालान किया जाए। उन्होंने कहा कि नगर निगम जल्द ही मैनुअल स्वीपिंग को बन्द करने की दिशा में कार्य कर रहा है और स्वीपिग मशीनों के माध्यम से सफाई कार्य किया जाएगा। बैठक में एडिशनल म्यूनिसिपल कमिशनर वाईएस गुप्ता, संयुक्त निगमायुक्त हरिओम अत्री एवं इन्द्रजीत कुल्हड़िया, ठोस कचरा प्रबंधन विशेषज्ञ सोनिया दूहन, कार्यकारी अभियंता सौरभ नैन, साहस एनजीओ की प्रतिनिधि सोनिया गार्गा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।


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