खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर 10 मिनट में ध्वस्त हो गया सिस्टम
दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे स्थित खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर सोमवार सुबह पीक आवर शुरू होने के 10 मिनट के दौरान ही पूरा सिस्टम ध्वस्त हो गया।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे स्थित खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर सोमवार सुबह पीक आवर शुरू होने के 10 मिनट के दौरान ही पूरा सिस्टम ध्वस्त हो गया। फास्टैग वाली लेनों में कैश देकर निकलने वाले वाहन घुस गए। सुबह 10 बजे तक दोनों तरफ जाम दो से ढाई किलोमीटर तक पहुंचने पर ट्रैफिक पुलिस ने टोल फ्री करा दिया। खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर जाम से निजात दिलाने के लिए सोमवार को 20 से अधिक बार टोल फ्री किया गया। सुबह की तरह ही शाम में भी पीक आवर के दौरान दोनों तरफ जाम डेढ़ से दो किलोमीटर तक पहुंच गया था। इस वजह से कई बार टोल फ्री कराना पड़ा।
रविवार रात 12 बजे से लेकर सोमवार शाम चार बजे तक नियम को तोड़ने वाले 2434 वाहनों से दोगुना टोल वसूला गया। फास्टैग लेनों में कैश देकर चलने वाले वाहन घुस गए थे। इस वजह से ऐसे वाहनों से दोगुना टोल वसूला गया। हालांकि टोल फ्री करने पर हजारों वाहन ऐसे ही निकल गए। बता दें कि सुबह आठ बजे से 11 बजे तक को एवं शाम पांच बजे से रात नौ बजे तक को पीक आवर माना जाता है। इस दौरान टोल प्लाजा पर ट्रैफिक का दबाव काफी अधिक रहता है।
केंद्र सरकार के आदेशानुसार शनिवार रात 12 बजे से खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर भी रात 12 बजे से फास्टैग अनिवार्य कर दिया गया है। टोल प्लाजा में कुल 25 लेन हैं। इनमें से दोनों तरफ की 19 लेन में फास्टैग अनिवार्य किया गया है। अन्य लेन से कैश देकर वाहन निकल सकते हैं। यह व्यवस्था सोमवार सुबह पीक आवर (सुबह 8 बजे से 11 बजे तक) शुरू होते ही ध्वस्त हो गई। वाहन चालकों ने ट्रैफिक पुलिस एवं टोल कर्मचारियों की एक न सुनी। ट्रैफिक पुलिस के साथ वाहन चालकों की कई बार झड़प हुई।
फास्टैग वाली लेनों में कैश देने वाले वाहनों के घुसने पर दोगुना टोल भी वसूला गया। दोगुना टोल वसूलने जाने को लेकर काफी लोगों की टोल कर्मियों के साथ झड़प हुई। एक ने बैरियर तोड़ते हुए इस तरह कार निकालने का प्रयास किया कि यदि ट्रैफिक पुलिस सक्रिय नहीं रहती तो बड़ा हादसा हो जाता। बस एवं ट्रक चालक भी फास्टैग को मानने के लिए तैयार नहीं दिखे। सभी का कहना है कि पहले फास्टैग उपलब्ध कराना चाहिए फिर इसे लागू करना चाहिए। काफी वाहन चालकों की शिकायत है कि फास्टैग काम ही नहीं करते हैं। फास्टैग ले लिया पर रिचार्ज नहीं कराया: टोल कर्मियों एवं ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की शिकायत है कि जिन लोगों ने फास्टैग ले रखा है उनमें से अधिकतर ने रिचार्ज ही नहीं कराया है। कार में फास्टैग लगे होने की वजह से लेन में घुसने की इजाजत दे दी जाती है लेकिन काउंटर पर वे पकड़े जाते हैं। एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने सुझाव दिया कि फास्टैग देने के दौरान ही उसमें बैलेंस डलवाने के लिए जागरूक किया जाए। जब तक ऐसा नहीं किया जाएगा तब तक बात नहीं बनेगी। साथ ही मौके पर ही बैलेंस डलवाने वालों को पैसे की कुछ छूट दी जाए। इसके अलावा शहर के सभी पेट्रोल पंप, बाजार, मॉल, ग्राम पंचायत भवन आदि जगहों पर फास्टैग बनवाने के लिए काउंटर लगाए जाएं। यदि इन बातों पर ध्यान नहीं दिया गया फिर खेड़कीदौला टोल प्लाजा प्रतिदिन स्थिति बेहतर रहेगी। समय पर नहीं पहुंच पाए लोग: ट्रैफिक जाम की वजह से हजारों लोग समय पर अपने काम पर नहीं पहुंच पाए। मानेसर स्थित औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले राजकुमार, जय सिंह, महेंद्र चौहान, राजेश मित्तल ने बताया कि उनकी ड्यूटी सुबह 9 बजे से रहती है। वे टोल के नजदीक सुबह 8.30 बजे पहुंच गए थे लेकिन जाम की वजह से टोल पर ही 9.30 बज गया। फास्टैग वाली लेनों में कैश देकर जाने वाले वाहन घुस गए। इस वजह से उनके वाहन भी जाम में फंस गए। फास्टैग सिस्टम बेहतर है लेकिन पहले सभी को उपलब्ध कराने के ऊपर जोर देना होगा। जिसे ऑफिस जाना है वह किसी भी लेन में घुसने का प्रयास करेगा ही, भले ही उसे जुर्माना क्यों न देना पड़े।
संजीव कुमार, रेवाड़ी फास्टैग वाली लेनों की संख्या कम करनी थी। जैसे-जैसे फास्टैग वाले वाहनों की संख्या बढ़ती वैसे-वैसे लेनों की संख्या बढ़ाई जाती। व्यवस्था किस तरह से बेहतर हो, इस पर ध्यान देना होगा।
अनिल कुमार, रेवाड़ी आधे घंटे से जाम में फंसा हूं। जब फास्टैग लोगों के पास है नहीं फिर किस आधार पर इसे अनिवार्य कर दिया गया। पहले सभी को फास्टैग उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाए।
बीएस यादव, दिल्ली खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर पीक आवर के दौरान आम दिनों में ही ट्रैफिक का दबाव रहता है। फास्टैग अनिवार्य करने के बाद समस्या और विकराल होगी, यह सोचना चाहिए था। पहले सुविधा देनी चाहिए फिर अनिवार्य करना चाहिए था।
निशा यादव, दिल्ली लगभग एक घंटे से जाम में फंसा हूं। ट्रैफिक पुलिस एवं टोलकर्मी असहाय नजर आ रहे हैं। जिन्हें समय से ऑफिस पहुंचना है वे किसी भी लेन में घुसेंगे ही। कितने लोगों से ट्रैफिक पुलिस बहस या मारपीट करेगी। पहले फास्टैग सभी को उपलब्ध कराना चाहिए था।
शशांक कुमार, नारनौल जब अधिकतर लोगों के पास फास्टैग है ही नहीं फिर कैसे व्यवस्था बेहतर हो सकती है। पहले फास्टैग उपलब्ध कराने के ऊपर जोर दिया जाए। काफी लोगों के पास है, फास्टैग वे काम ही नहीं करते।
जयदेव कुमार, नारनौल मैं लगभग एक घंटे से जाम में फंसा हूं। क्या इस तरह देश आगे बढ़ेगा। फास्टैग उपलब्ध कराने के लिए सभी पेट्रोल पंप, बाजार, मॉल के नजदीक काउंटर लगाए जाएं। यही नहीं विज्ञापन देकर लोगों को जागरूक किया जाए।
शैलेंद्र कुमार, अलवर
व्यवस्था में कमी नहीं थी। अतिरिक्त टोल कर्मचारी लगाए गए हैं। ट्रैफिक पुलिस भी सुबह से ही सक्रिय थी लेकिन पीक आवर शुरू होते ही ट्रैफिक का दबाव इतना अधिक बढ़ा कि सारी व्यवस्था फेल हो गई। अधिकतर लोगों के पास फास्टैग है ही नहीं। जिनके पास है उनमें से अधिकतर ने बैलेंस नहीं डलवा रखा है।
- राजेंद्र सिंह भाटी, प्रबंधक, खेड़कीदौला टोल प्लाजा