अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाले फर्जी कालसेंटर का भंडाफोड़
अमेरिका में वहां के नागरिकों को नेशनल आइडेंटिटी नंबर निलंबित होने की धमकी देकर ठगने ठगने के लिए डीएलएफ में चल रहे फर्जी कालसेंटर का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: अमेरिका में वहां के नागरिकों को नेशनल आइडेंटिटी नंबर निलंबित होने की धमकी देकर ठगने ठगने के लिए डीएलएफ में चल रहे फर्जी कालसेंटर का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस पहले भी ऐसे कई फर्जी कालसेंटर पकड़ चुकी है। कालसेंटर में कार्यरत पांच युवती तथा चार युवकों के साथ पुलिस ने लैपटाप तथा नौ सीपीयू बरामद किए हैं। सेंटर में काम करने वाले युवक-युवतियां विदेशियों को फेडरल पुलिस का डर दिखाकर ठगी करते थे।
साइबर अपराध थाना की टीम को सूचना मिली कि डीएलएफ फेज-दो में रैपिड मेट्रो पिलर-34 के पास एक बिल्डिग में फर्जी कालसेंटर चलाया जा रहा है। डीएलएफ के सहायक पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में साइबर थाना व डीएलएफ फेस-दो पुलिस की एक टीम का गठन किया गया। पुलिस टीम ने कथित कालसेंटर पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान कालसेंटर का स्टाफ कंप्यूटर से डायलर के माध्यम से विदेश में लोगों से बातचीत कर रहे थे। पुलिस ने कालसेंटर में प्रबंधक मुकेश शर्मा से पूछताछ की। पुलिस को कोई ठोस जवाब नहीं दे पाए। पुलिस ने कालसेंटर में काम करने वाली पांच युवती और चार युवकों को गिरफ्तार कर लिया।
कैसे बनाते थे विदेशियों को ठगी का शिकार
फर्जी कालसेंटर में कार्यरत युवक युवतियों ने पुलिस को बताया कि कालसेंटर का मालिक डेविड है। डेविड अमेरिकी ग्राहकों का डाटा उपलब्ध कराता था। डाटा के आधार पर वहां के नागरिकों को डायलर के माध्यम से काल की जाती थी। काल लगने पर विदेशी नागरिक को काल करने वाले खुद को फेडरल पुलिस विभाग से बताते थे। अमेरिकी नागरिक को उनका नेशनल आइडेंटिटी नंबर सस्पेंड होने की धमकी देते थे। फोन सुनने वाला उनके झांसे में आ जाता था। तो वह अलग-अलग कंपनियों के गिफ्ट कार्ड खरीदने की बात करते थे। उस गिफ्ट कार्ड का नंबर वाट्सएप के माध्यम से मंगा लेते थे।