फर्जी कॉलसेंटर का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार
सुशांत लोक इलाके में गैलेरिया मार्केट से पीछे मकान नंबर-5
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: सुशांत लोक इलाके में गैलेरिया मार्केट से पीछे मकान नंबर-583 के बेसमेंट में चल रहे फर्जी कॉलसेंटर का बृहस्पतिवार रात सेक्टर-29 थाना पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। मौके पर चार लोगों की निगरानी में 28 कर्मचारी काम करते मिले। पूछताछ के बाद चारों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनकी पहचान सिकंदरपुर में रहने वाले नैनीताल (उत्तराखंड) निवासी अरुण सिंह, लक्ष्मण विहार में किराये पर रहने वाले भिवानी निवासी पुष्पेंद्र सिंह व मनु सिंह, डीएलएफ फेज-एक में किराये पर रहने वाले चरखी दादरी निवासी पंकज यादव के रूप में की गई। मनु सिंह सेंटर का संचालक है। सभी अमेरिका के लोगों को ऑनलाइन टेक्निकल सपोर्ट (तकनीकी सहायता) देने के नाम पर धोखाधड़ी करते थे। मौके से एक सीपीयू भी कब्जे में लिया गया है। पिछले महीने से सेंटर का संचालन किया जा रहा था।
बृहस्पतिवार रात सेक्टर-29 थाना प्रभारी जगबीर को सूचना मिली कि एक मकान में फर्जी कॉलसेंटर चल रहा है। इस बात की जानकारी पुलिस आयुक्त केके राव को दी गई। पुलिस आयुक्त ने तत्काल टीम गठित कर छापेमारी करने का आदेश जारी किया। इसके बाद थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जगबीर के नेतृत्व में छापा मारा गया। मौके पर पांच युवतियां व 23 युवक हेडफोन लगाकर अंग्रेजी भाषा अमेरिकी लहजे में बात कर रहे थे। सभी के सामने एक-एक कंप्यूटर था।
पुलिस को देखते ही सेंटर में हड़कंप मच गया। कर्मचारियों ने भागने का प्रयास किया लेकिन वे सफल नहीं हुए। मौके पर चार युवक सभी कर्मचारियों को दिशा-निर्देश दे रहे थे। सभी को एक जगह बैठाकर सेंटर के संचालन से संबंधित कागजात के बारे में पूछताछ की गई। कागजात प्रस्तुत नहीं किए जाने के बाद कर्मचारियों को दिशा-निर्देश देने वाले चारों युवक अरुण सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, मनु सिंह एवं पंकज यादव को गिरफ्तार कर लिया गया।
प्रारंभिक पूछताछ के मुताबिक मनु सिंह पहले शराब का ठेका चलाता था। गिरफ्तार तीन अन्य आरोपित कुछ समय पहले ही मनु के संपर्क में आए थे। मनु ने तीनों को 15 हजार रुपये मासिक वेतन व इंसेंटिव पर रखा था। इस तरह चारों के निर्देशन में सेंटर चलाया जा रहा था। अमेरिका के लोगों से ये गिफ्ट कार्ड के माध्यम से पैसे लेते थे। सभी पहले सिस्टम में मैसेज भेजते थे। फिर फोन कर कहते थे कि आपके सिस्टम में वायरस है। इसके बाद तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने के नाम पर पैसे वसूलते थे।
प्रारंभिक छानबीन के मुताबिक पिछले महीने से ही सेंटर का संचालन शुरू किया गया था। बता दें कि एक सप्ताह पहले ही उद्योग विहार इलाके में एक फर्जी कॉलसेंटर का भंडाफोड़ किया गया था। इससे पहले भी 20 से अधिक फर्जी कॉल सेंटर पकड़े जा चुके हैं। सेक्टर-29 थाने की टीम ने फर्जी कॉलसेंटर का भंडाफोड़ करके सराहनीय प्रयास किया है। आरोपितों से पूछताछ में पता चलेगा कि कितने लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई। कितनी राशि वसूली गई। किन-किन खातों में पैसे जमा कराए गए।
-प्रीतपाल, सहायक पुलिस आयुक्त (क्राइम), गुरुग्राम