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फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश

साइबर क्राइम थाना पुलिस ने उद्योग विहार इलाके में संचालित एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश मंगलवार शाम किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 06:38 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 08:42 PM (IST)
फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश
फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: साइबर क्राइम थाना पुलिस ने मंगलवार शाम उद्योग विहार इलाके में संचालित एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया। मामले में पूछताछ के बाद मुख्य आरोपित सहित दो को गिरफ्तार कर लिया गया। मुख्य आरोपित की पहचान सेक्टर-42 मैगनोलियाज सोसायटी निवासी अमित चौहान एवं जींद निवासी सुमित कुमार के रूप में की गई। अमित बीटेक (सात सेमस्टर) की पढ़ाई की है, जबकि सुमित ने बी.कॉम की शिक्षा हासिल कर रखी है। उनके कब्जे से एक लैपटॉप बरामद हुआ है। प्रारंभिक पूछताछ के मुताबिक वे विदेश में बैठे लोगों को टेक सपोर्ट के नाम पर धोखाधड़ी करते थे। दोनों को बुधवार दोपहर अदालत में पेश किया गया। अमित को पूछताछ के लिए एक दिन की रिमांड पर लिया गया है। सुमित को जमानत पर छोड़ दिया गया। जनवरी 2019 से लोगों को ठगने का काम हो रहा था।

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मंगलवार सुबह सहायक पुलिस आयुक्त (डीएलएफ) करण गोयल ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दी। इसमे बताया कि यूट्यूब पर सर्फिंग के दौरान यूके में रहने वाले जिम ब्रॉनिग नाम के व्यक्ति द्वारा स्पाइन ऑफ स्कैनर के नाम से डाली गई वीडियो से पता चला कि उद्योग विहार के प्लॉट नंबर-272 में अमित चौहान द्वारा टेक सपोर्ट देने के लिए कंप्यूटर पर पॉप-अप भेजकर विदेशियों को फंसाया जाता है। तकनीकी सहायता देने के नाम पर अमित व उसके साथी धोखाधड़ी से पैसे ऐंठते हैं। इसी शिकायत के आधार पर शाम के दौरान कॉल सेंटर में छापेमारी कर संचालक अमित चौहान को नोटिस देकर थाने में बुलाया गया।

पूछताछ में उसने एक अन्य साथी सुमित का नाम लिया। उसे भी नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया गया। पूछताछ में साफ हो गया कि टेक सपोर्ट के नाम पर कॉल सेंटर के माध्यम से विदेशी लोगों के साथ धोखाधड़ी की जा रही थी। इसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। सहायक पुलिस आयुक्त करण गोयल ने बताया कि आरोपित विदेशी लोगों के कंप्यूटर्स पर पॉप-अप भेजकर पहले तकनीकी खराबी करते थे। फिर टेक्निकल सपोर्ट देने के नाम पर उन्हीं लोगों से पैसे ऐंठते थे। पेपल एकाउंट गेटवे के माध्यम से पैसे प्राप्त करते थे। पूछताछ से पता चलेगा कि कितने लोगों के साथ ठगी की गई।


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