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बैंककर्मी बन कर ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

लोगों के मोबाइल पर कॉल कर खुद को बैंक कर्मी बताकर उनके बैंक खातों की जानकारी लेकर आनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Mar 2020 08:45 PM (IST)Updated: Tue, 17 Mar 2020 08:45 PM (IST)
बैंककर्मी बन कर ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
बैंककर्मी बन कर ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: लोगों को फोन कर खुद को बैंक कर्मी बता उनके बैंक खातों की जानकारी लेकर ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। चार युवक लोगों से ओटीपी, पिन नंबर लेने, एटीएम बूथ में पीओएस मशीन में कार्ड रीडर लगाने, आमजन के बैंक खातों से डेबिट, क्रेडिट कार्ड की जानकारी चुराने और एटीएम कार्ड के क्लोन तैयार करने तथा फर्जी सिम की सहायता से ई-वैलेट में पैसे ट्रांसफर कराने जैसे तरीकों से शिकार बनाते थे। पुलिस ने चारों आरोपितों को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर लेकर आगे की जांच शुरू कर दी है। रिमांड के दौरान हुई पूछताछ में सामने आया कि आरोपितों ने 45 दिन में करीब एक हजार लोगों से ढाई करोड़ की रकम ठगी है।

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सदर थाना गुरुग्राम में 16 मार्च 2020 को बैंक खातों से नकदी निकाले जाने का केस दर्ज किया गया था। इस केस में थाना सदर पुलिस व क्राइम ब्रांच सेक्टर-31 की टीमों ने संयुक्त जांच करते हुए करते हुए चार आरोपितों को ताऊ देवीलाल स्टेडियम गुरुग्राम के पास से काबू करने में सफलता हासिल की। वे एक फॉ‌र्च्यूनर गाड़ी में सवार थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में जिला भिवानी के गांव खरक कलां निवासी अंकुर पंवार जिला भिवानी के ही गांव सांवड़ निवासी जोगिद्र कुमार, दिल्ली के नजफगढ़ निवासी अमित कुमार तथा गुरुग्राम के गांव गाड़ौली कलां निवासी हिम्मत सिंह शामिल हैं।

डीसीपी ईस्ट चंद्रमोहन ने बताया कि पहले चारों मुंबई में बैठकर ठगी करते थे। एक आरोपित को पकड़ा गया तो मुंबई के बजाय दिल्ली में फर्जी कॉल सेंटर खोल ठगी करने लगे। गिरोह का मास्टरमाइंड अंकुर है जिसकी एक बैंक के कर्मचारी से सांठगांठ है। वही बैंक की सूचना आरोपितों को पहुंचता था। पुलिस उसे भी गिरफ्तार करेगी। 209 सिम कार्ड समेत कई चीजें बरामद

पुलिस टीम ने आरोपियों के कब्जे से 209 फर्जी सिम कार्ड, एक कार्ड राइटर मशीन, दो लैपटाप, 159 क्लोन किए बैंक के ब्लैंक बैंक क्रेडिट/डेबिट टाइप प्लास्टिक कार्ड, धोखाधड़ी से कमाए गए पांच लाख एक हजार 200 रुपए नकद, चार मोबाइल फोन, एक फा‌र्च्यूनर गाड़ी बरामद की है। फर्जी कॉल सेंटर से करते थे वारदात

अंकुर व अमित पहले अपने एक अन्य साथी अनिल डागर के साथ मिलकर दिल्ली में एक फर्जी कॉल सेंटर चलाकर इस तरह की वारदात को अंजाम देते थे। इसी बीच अनिल डागर को मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। उसके बाद अंकुर व अमित ने अपने साथ जोगिद्र कुमार व हिम्मत सिंह को मिला लिया और इसी साल जनवरी में गुरुग्राम के मालिबू टाउन, सेक्टर-47 में तीस हजार महीने के किराये पर एक मकान किराए पर लिया। इसके बाद वे इस तरह की वारदात को यहां से अंजाम देने लगे। ठगी की रकम से मौजमस्ती से रहते थे।


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