बिल्डर की संपत्ति को बेचकर पूरी कराई जाएगी परियोजना
शहर के सेक्टर-112 स्थित रिहायशी परियोजना अर्थकोपिया सोसायटी को निर्धारित समय में पूरा नहीं कराने व निवेशकों को बिल्डर द्वारा परेशान किए जाने के एक मामले में हरियाणा रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (हरेरा) द्वारा बड़ा फैसला लिया गया है। इस परियोजना से जुड़ी रियल एस्टेट कंपनी अर्थ इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और ओरोकेम बिल्डप्रॉप प्राइवेट लिमिटेड के खाते को सीज कर दिया गया है। हरेरा ने निर्णय लिया है कि वह बिल्डर की संपत्ति को बेचकर स्वयं की निगरानी में फ्लैटों का निर्माण कार्य पूरा करा उसके आवंटियों को देगी।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: शहर के सेक्टर-112 स्थित रिहायशी परियोजना अर्थकोपिया सोसायटी को तय समय में पूरा नहीं करने और बिल्डर द्वारा निवेशकों को परेशान किए जाने के एक मामले में हरियाणा रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (हरेरा) ने बड़ा फैसला लिया है। इस परियोजना से जुड़ी रियल एस्टेट कंपनी अर्थ इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और ओरोकेम बिल्डप्रॉप प्राइवेट लिमिटेड के खातों को सीज कर दिया गया है। हरेरा ने निर्णय लिया है कि वह बिल्डर की संपत्ति को बेचकर और उसके जब्त किए पैसों से अपनी निगरानी में फ्लैटों का निर्माण पूरा करा आवंटियों को देगा।
यह फैसला हरेरा गुरुग्राम के चेयरमैन डॉ. केके खंडेलवाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय बेंच ने सुनाया। पीड़ितों द्वारा मई माह में हरेरा में दी गई शिकायत पर छह सितंबर की सुनवाई के दौरान हरेरा गुरुग्राम ने पीड़ितों की शिकायत को सही पाया। इसी के बाद दोनों बिल्डरों के बैंक खातों को सीज कर दिया गया। अभी तक बिल्डर द्वारा मौके पर महज 50 फीसद ही निर्माण कार्य कराया गया है।
सितंबर 2015 में कब्जा देने का किया था वादा
शहर के सेक्टर-112 में अर्थ इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा इस हाउसिंग सोसाइटी प्रोजेक्ट को 2011 में शुरू किया गया था। 31 सितंबर, 2015 में इसका कब्जा खरीदारों को देने का वादा बिल्डर द्वारा किया गया था। इस परियोजना के अंतर्गत कुल 534 फ्लैटों में से 484 फ्लैट बिक चुके हैं। बिल्डर द्वारा खरीदारों से 297 करोड़ रुपये एकत्र किया गया था। बिल्डर ने परियोजना के निर्माण पर केवल 84 करोड़ रुपये ही खर्च किए हैं। हरेरा गुरुग्राम के चेयरमैन डॉ. केके खंडेलवाल ने कहा कि इस परियोजना के अंतर्गत फ्लैटों का निर्माण जल्द से जल्द करा इनके आवंटियों को सौंप दिया जाएगा। हरेरा ने ठीक इसी प्रकार का निर्णय पिछले माह शहर के सेक्टर-89 स्थित अधूरे पड़े ग्रीनोपोलिस रिहायशी प्रोजेक्ट को लेकर भी दिया था। ऐसे पूरी होगी अधूरी परियोजना
इस रिहायशी प्रोजेक्ट के अंतर्गत अधूरे फ्लैटों का निर्माण अभी तक नहीं बिके 50 फ्लैटों को बेचकर व खरीदारों से बाकी पैसे लेकर कराया जाएगा। साथ ही इस काम में बिल्डर के सीज किए गए खातों में पड़ी रकम को भी लगाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने में करीब 90 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। हरेरा की देखरेख में निर्माण को पूरा कराने के लिए परियोजना प्रशासक सह जांच आयुक्त की नियुक्ति कर दी गई है।