बड़ों संग अब बच्चे भी हो रहे पर्यावरण के प्रति जागरूक
पर्यावरण के प्रति अब लोगों में बेहद संजीदगी देखी जा रही है।
संवाद सहयोगी, बादशाहपुर
पर्यावरण के प्रति अब लोगों में बेहद संजीदगी है। बड़ों के साथ बच्चे भी पर्यावरण के प्रति जागरूक होने लगे हैं। ये समाज में बड़े बदलाव का प्रतीक है। सोहना रोड स्थित केआर मंगलम विश्वविद्यालय, जीडी गोयनका जैसे नामी शिक्षण संस्थानों के छात्र पर्यावरण बचाने को आगे आ रहे हैं। पर्यावरण संतुलन की दिशा में काम कर रहे एक एनजीओ मेंट फॉर एनवायरमेंट ने साउथ सिटी के पेशियो क्लब में पहली वर्षगांठ मनाई। संस्था की संस्थापक निदेशक मंजू रंजन ने संस्था से जुड़े सभी लोगों के साथ मिलकर केक काटा।
बकौल मंजू रंजन, मेंट फॉर एनवायरमेंट ने टयूलिप इंफ्रा की चार सोसायटी में एक साल में गीला-सूखा कूड़ा अलग करने की मुहिम चलाई। यह मुहिम पूरी तरह से सफल रही। मानसी दुआ संस्था में स्कूल कोऑर्डिनेटर, तो डॉ.मनस्वी कॉलेज कोऑर्डिनेटर हैं। उधम आर्य प्रदेश कोऑर्डिनेटर और गौरव अरोड़ा जिला कोऑर्डिनेटर हैं। केआर मंगलम विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता पाठ्यक्रम के कई छात्र मेंट फॉर एनवायरमेंट से जुड़े हैं। जीडी गोयनका के छात्र भी पर्यावरण बचाने में रुचि ले रहे हैं।
पर्यावरण संतुलन जीवन में बेहद जरूरी है। इसके लिए प्रयास करने होंगे, तभी पर्यावरण संतुलित रहेगा। इसके लिए सभी की जागरूकता जरूरी है।
- शुभम शर्मा पर्यावरण बचाने के लिए सभी को आगे आना होगा। इस मुहिम से जोड़ने में जागरूकता सबसे बड़ा हथियार है।
-साहिल सहरावत ठोस कचरा प्रबंधन पर्यावरण के लिए सबसे बड़ी चिता है। इसके लिए प्रशासन के साथ ही लोगों को भी जुड़ना होगा।
-विशाल गड़ास मेंट फॉर एनवायरमेंट ने पर्यावरण के लिए मुहिम शुरू की। मुझे यह अच्छा लगा और मैं इस संस्था से जुड़ गया।
-गगन भारद्वाज किसी भी विषय को आगे बढ़ाने के लिए जागरूकता जरूरी है। पर्यावरण के प्रति अब काफी जागरूकता लोगों में है। यह अच्छी बात है।
-कोमल खरेता पर्यावरण जीवन के लिए अहम है। पर्यावरण संरक्षण को ना सिर्फ जागरूकता, बल्कि इस पर गंभीरता से काम करने की जरूरत है।
- जिशान अरोड़ा पर्यावरण बचाने के लिए सभी को कारगर कदम उठाने होंगे। पर्यावरण बचेगा, तो ही जीवन बचेगा। इस पर गंभीरता से काम करने की जरूरत है।
- शहला अरोड़ा पर्यावरण बचाने के लिए सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना होगा। बच्चों में जागरूकता बेहद जरूरी है। स्कूल-कॉलेजों के छात्र अब पर्यावरण के प्रति काफी गंभीर हैं।
-डॉ. मनस्वी महेश्वरी, असिस्टेंट प्रोफेसर, केआर मंगलम यूनिवर्सिटी