चुनाव: चुनावी महासमर में सोशल मीडिया बना बड़ा हथियार
इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आइएएमएआइ) की रिपोर्ट के अनुसार जून 2017 तक देश में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 420 मिलियन थी। एक अनुमान के अनुसार जो वर्तमान में बढ़कर 500 मिलियन से भी अधिक हो गई है।
यशलोक सिंह, गुरुग्राम
इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आइएएमएआइ) की रिपोर्ट के अनुसार जून, 2017 तक देश में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 420 मिलियन थी। एक अनुमान के अनुसार जो वर्तमान में बढ़कर 500 मिलियन से भी अधिक हो गई है। डिजिटल इंडिया के दौर में कोई भी क्षेत्र इंटरनेट से अछूता नहीं रहा, तो भला लोकसभा चुनाव का महासमर इसके बिना कैसे आगे बढ़ सकता है। गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र में देश का बड़ा आइटी-आइटीईएस और इंटरनेट हब भी स्थित है। यहां के शहर से लेकर गांव-गांव तक में सोशल मीडिया की दमदार धमक है। हर युवा मतदाता के हाथों में मोबाइल फोन और इंटरनेट है। यह सभी सोशल मीडिया पर काफी समय बिताते हैं। यही वजह है कि हर राजनीतिक दल सोशल मीडिया के जरिए इन तक पहुंचने का प्रभावी प्रयास कर रहा है। सभी अपनी आइटी टीम को मजबूत बनाने का काम कर रहे हैं।
गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत गुरुग्राम जिला की चारों विधानसभा क्षेत्रों में कुल मतदाताओं की संख्या 10,87009 है। इनमें से करीब 80 फीसद से अधिक लोग एंड्रॉइड मोबाइल एवं इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। जो इनके इस्तेमाल से परिचित नहीं हैं उनके घर में कोई न कोई युवा सदस्य इनका इस्तेमाल जरूर करता होगा जो स्वयं सोशल मीडिया से प्रभावित होता है। बाद में वही परिवार के अन्य सदस्यों के विचारों को प्रभावित करता है। एक राजनीतिक दल के आइटी सेल से जुड़े एक पदाधिकारी का कहना है कि आइटी टीम को मजबूत किया जा रहा है।
ट्विटर, फेसबुक, वाट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब व लिंक्डइन सहित अन्य ऑनलाइन माध्यमों से लोगों तक अपनी पहुंच और पकड़ बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। दल और प्रत्याशियों के अनुसार स्लोगन गढ़े जा रहे हैं। इसके लिए राजनीतिक दलों द्वारा अच्छा खासा खर्च भी किया जा रहा है। सोशल मीडिया के इस्तेमाल करने के मामले में भाजपा एवं कांग्रेस सबसे आगे हैं। अब अन्य दल भी इसे अपना रहे हैं। राष्ट्रीय से लेकर स्थानीय स्तर के नेता इसके महत्व को समझने लगे हैं।
गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली गुड़गांव एवं बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र में सोशल मीडिया का प्रभाव सबसे अधिक होगा। इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में पॉश एरिया सबसे अधिक आते हैं। यही कारण है कि यहां के सेक्टरों, वीआइपी एरिया और गगनचुंबी इमारतों में रहने वालों तक सोशल मीडिया के जरिए पहुंचने का प्रयास शुरू हो गया है। मोबाइल मार्केटिग एसोसिएशन (एमएमए) की रिपोर्ट के अनुसार 18-24 वर्ष के लोग सबसे अधिक मोबाइल इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। चुनाव विश्लेषकों की मानें तो 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान लोगों की राय को प्रभावित करने में सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका होगी। इसे अनदेखी करने वाले दलों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।